लोकसभा के शीतकालीन सत्र में समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश उत्तम पटेल और जगदंबिका पाल के बीच में बहस देखने को मिली. ये उस वक्त हुआ जब सदन में केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक 2025 पर चर्चा हो रही थी. सपा सांसद जब अपनी बात कह रहे थे तभी जगदंबिका पाल ने उन्हें टोका तो सपा सांसद ने उन्हें अपने क्षेत्र पर ध्यान देने की सलाह दे दी.
सपा सांसद नरेश उत्तम पटेल ने लोकसभा में केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक 2025 पर बोलते हुए कहा कि सरकार आज छोटे-छोटे उद्यमियों पर भारी सेंस और टैक्स थोपने जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसे जल्दबाजी में लाया जा रहा है. उन्होंने सरकार से इसे स्थायी समिति में भेजने की मांग की.
जगदंबिका पाल से हुई सपा सांसद की बहस
नरेश उत्तम पटेल जब अपनी बात कह रहे थे, उस समय जगदंबिका पाल चेयर पर बैठे थे, उन्होंने सपा सांसद को टोकते हुए कहा कि इससे राज्य को भी नुकसान होगा, क्योंकि जो सेस है उसका हिस्सा राज्य को ही जाएगा.
इस पर सपा सांसद ने कहा कि "महोदय आपके जिले में धान में होता है, धान की बर्बादी हो रही है लेकिन आप कुछ बोल नहीं रहे..धान 1600-1700 में लिया जा रहा है जबकि एमएसपी 2369 रुपये है. आप भी तो ध्यान दीजिए.. आप उधर बैठते हैं तो क्या हुआ? लेकिन, आप धान के किसान हैं आपके जिले में धान होता है."
विधेयक को स्थायी समिति भेजने की मांग
सपा सांसद ने अपनी स्पीच में कहा- "मैं किसी उद्योगपति नहीं बल्कि उन लाखों गुमनाम लोगों की आवाज़ बनकर आया हूं जो सुबह से तंबाकू की पत्तियां तोड़ते हैं जो दिनरात मेहनत करते हैं जिनके घर का चूल्हा इन्ही छोटे-छोटे काम से चलता है. लेकिन सरकार आज इन लोगों पर ही भारी सेंस और टेक्स थोपने जा रही है.
सरकार तंबाकू, बीड़ी और गुटका पर टैक्स लगाने की बात कर रही है. ये नियम बिना सोचे समझे गरीबों की हालत देखे बिना लाए जा रहे हैं. अगर इस पर टैक्स बढ़ा तो बड़ी कंपनियां तो सँभाल लेंगी लेकिन छोटे किसान और छोटे उद्यमी बुरी तरह से दब जाएंगे. सरकार कहती है कि इससे स्वास्थ्य को फायदा होगा लेकिन स्वास्थ्य तभी सुधरेगा जब दो वक्त की रोटी मिलेगी.
सपा सांसद ने कहा कि हमारी माँग है कि इसे जल्दबाजी में पास न किया जाए. मेरी मांग है कि इस विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाए. हम चाहते हैं कि इसके लिए प्रभावित राज्यों के साथ मिलकर ठोस योजना बनाई जाए. जल्दबाजी में विधेयक पास हुआ तो गांव का गरीब फिर से कुचला जाएगा.