UP News: रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas Row) के बाद से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अंतर कई नेताओं ने बगावती देवर दिखाए हैं. जबकि कई नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. वहीं बीते कुछ दिनों के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर डालें तो सपा के कई विधायकों ने बीजेपी (BJP) से भी करीबियां बढ़ानी शुरू कर दी है. पार्टी के तीन विधायकों ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. 


दरअसल, सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने अपने बयान में कहा, "बिना कुछ समझे टिप्पणी कर रहे हैं तो ये अमर्यादित स्थिति पैदा कर रहे हैं. अगर हम जनप्रतिनिधि हैं तो हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारी टिप्पणी से कितने लोगों के मन को ठेस पहुंच रही है. कितने लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं. हम नेताओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए."


UP Politics: चाचा शिवपाल और अखिलेश के साथ राम गोपाल यादव ने भी संभाला मोर्चा, बीजेपी के लिए बनी अब नई चुनौती


सपा के लिए नई चुनौती
उन्होंने कहा, "विधायक रहूं या ना रहूं चुप नहीं रहूंगा. प्रभु राम पर टिप्पणी करने वाला सनातनी नहीं हैं. मानस पर टिप्पणी करने वाली समाजवादी नहीं हैं." हालांकि इससे पहले बीते कुछ दिनों में कई और सपा विधायकों ने पार्टी की टेंशन बढ़ाने वाला काम किया है. सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. ये कार्यक्रम सुल्तानपुर में ही था. तब उनके साथ मंच पर इसौली विधानसभा सीट से सपा विधायक मोहम्मद ताहिर खान पहुंचे थे.


इस दौरान दोनों को मंच पर एक साथ देखा गया था. जबकि इससे कुछ दिन पहले ही अमेठी में केंद्रीय मंत्री के एक कार्यक्रम में सपा विधायक महाराजी देवी को देखा गया था. केंद्रीय मंत्री के साथ सपा विधायक की तस्वीर सपा ने ही अपने ट्विटर पेज पर शेयर की थी. जिसमें सपा विधायक केंद्रीय मंत्री के साथ दिखाई दे रही थीं. विधायक उनके यहां खिचड़ी भोज में पहुंची थीं.