उत्तर प्रदेश विधानसभा 2027 को लेकर राज्य में सियासी तपिश अभी से बढ़ने लगी है, राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों को धार देने में जुट गए हैं. इसी बीच कानपुर दौरे पर पहुंचे समाजवादी पार्टी के (सपा) राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के एक बयान ने दिसंबर की ठंड में प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा दिया है.
दरअसल, सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव कानपुर दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने इरफान सोलंकी और सीसामऊ विधायक नसीम सोलंकी से मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या विधानसभा चुनाव 2027 के लिए वे सोलंकी परिवार को दो टिकट देंगे? इस पर शिवपाल सिंह यादव ने जो बयान दिया है वह सिर्फ चौंकाने वाला नहीं बल्कि उससे प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है.
सोलंकी परिवार को दो टिकट देगी सपा?
कानपुर से सोलंकी परिवार दो टिकट देने के पत्रकारों के सवाल पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा है कि सोलंकी परिवार को दो टिकट देने पर फैसला पार्टी लेगी. आपको बता दें कि कानपुर दौरे पर पहुंचे शिवपाल सिंह यादव ने इरफान सोलंकी और सीसामऊ विधायक नसीम सोलंकी से मुलाकात की.
शिवपाल यादव ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
कानपुर दौरे पर पहुंचे शिवपाल सिंह यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बेहद गंभीर आरोप लगाए है. शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि, बीजेपी जहां-जहां चुनाव हारती है, वहां-वहां वोट काटने की राजनीति अपनाई जाती है. वहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव के वोटर लिस्ट से जुड़े बयान पर कहा कि सपा की कोशिश है योग्य मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े जाएं और गलत तरीके से बने वोट हटाए जाएं. सपा नेता ने कहा कि पार्टी का मानना है कि 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हर नागरिक को मतदान का अधिकार मिलना चाहिये.
शिवपाल यादव ने आरोप लगाया है कि "बीजेपी चुनाव में मशीनरी, प्रशासनिक अफसरों और पैसों के दम पर गलत तरीके अपनाती है, लेकिन समाजवादी पार्टी मुकाबला करेगी और जीत हासिल करेगी." इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की रैली पर कहा कि, यदि कांग्रेस की रैली का मकसद बीजेपी को सत्ता से हटाने का है तो ये प्रयास सकारात्मक है.
चुनाव के समय शुरू हो जाती है मंदिर-मस्जिद की राजनीति
उन्होंने आरोप लगाया है कि, बीजेपी शहीदों के धार्मिक मुद्दों को उछालकर लोगों की भावनाएं भड़काती है. चुनाव का समय आते ही मंदिर-मस्जिद की राजनीति शुरू हो जाती है. बंगाल में बाबरी मस्जिद के निर्माण के पर कहा कि, "जब मंदिर बनाई जाती हैं, मस्जिद पर आपत्ति क्यो?"