इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुईद अहमद को वर्ष 2024 के अयोध्या सामूहिक बलात्कार मामले में जमानत दे दी. न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने आरोपी अहमद की जमानत याचिका पर यह आदेश दिया.

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याचिकाकर्ता और राज्य सरकार की दलीलें

याचिकाकर्ता आरोपी ने अदालत में दलील दी थी कि उसे इस मामले में राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है. उसने कहा कि वह 71 साल का है और पीड़िता के बयानों तथा इस मामले में दर्ज मुकदमे में घटना की सही तारीख और समय का जिक्र नहीं है. याचिका में यह भी कहा गया कि कथित बलात्कार पीड़िता और उसकी मां से इस मामले में पहले ही पूछताछ हो चुकी है, इसलिए अब गवाहों को प्रभावित करने का कोई सवाल ही नहीं है.

राज्य सरकार की ओर से जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि आरोपी मुईद अहमद और उसके साथी राजू ने लड़की के साथ हुई बलात्कार की घटना का वीडियो भी बनाया था तथा जिस मोबाइल फोन से वीडियो बनाया गया था उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है.अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह इस समय सबूतों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है.

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पिछली जमानत अर्जी और गिरफ्तारी का विवरण

इसने अहमद की पिछली जमानत अर्जी खारिज कर दी थी लेकिन कथित पीड़िता और शिकायतकर्ता से पूछताछ के बाद उसे नई जमानत अर्जी देने की इजाजत दे दी थी. मामले के एक अन्य आरोपी राजू खान की जमानत अर्जी पर भी आज ही सुनवाई होनी थी, लेकिन समय की कमी के कारण उस पर सुनवाई नहीं हो सकी.

अयोध्या पुलिस ने पिछले साल 30 जुलाई को जिले के पूराकलंदर थाना क्षेत्र के भदरसा नगर में बेकरी संचालक मुईद अहमद और उसके कर्मचारी राजू खान को 12 साल की एक लड़की से बलात्कार करने और इस घटना का वीडियो बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.जिला प्रशासन ने अयोध्या में अहमद के एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को बुलडोजर से ढहा दिया था.