UP News: चाचा शिवपाल की नाराजगी भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से इन दिनों जगजाहिर है. लगभग हर दिन शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) कुछ ऐसे संकेत जरूर देते हैं. जिससे यह साफ पता चलता है कि वो समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) गठबंधन से कितने नाराज हैं. लेकिन अब भतीजे अखिलेश ने भी संकेत दे दिए हैं कि चाचा को अगर साथ रहना है तो रहे और अगर साथ छोड़कर जाना है तो जाएं. ये संकेत अखिलेश यादव ने कन्नौज में एबीपी गंगा (Abp News) के एक सवाल के जवाब में दिया.


कब से शुरू हुई नाराजगी
चुनाव के दौरान शिवपाल यादव जब सपा गठबंधन के साथ गए तो उन्होंने सिर्फ एक ही बात कही कि उनका लक्ष्य अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना है. इसीलिए वह सारी चीजों को पीछे छोड़कर सपा के साथ आ रहे हैं. लेकिन अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को केवल एक सीट दी, वह भी उनकी खुद की जसवंत नगर सीट. चुनाव के परिणाम सामने आए तो सपा के सरकार बनाने के सपने चकनाचूर हो गए. उसके बाद जब सपा के विधायकों की बैठक बुलाई गई तो उसमें भी शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया. नाराजगी इससे एक दिन पहले से शुरू हुई बताई जा रही है. 


क्या बोले थे अखिलेश यादव
जब सहयोगियों की बैठक बुलाई गई तो चाचा शिवपाल को बुलाए तो गया लेकिन वह उस बैठक में गए नहीं. उसके बाद शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की. वहीं जब विधान सभा सदस्य के पद की शपथ ली तब कहा कि बहुत जल्द कुछ बड़ा ऐलान करेंगे. फिर ट्विटर पर बीजेपी नेताओं को फॉलो करना यह सारे संकेत बताने के लिए काफी हैं कि शिवपाल यादव कितने नाराज हैं. लेकिन बुधवार को जब अखिलेश यादव से शिवपाल यादव को लेकर एक भी गंगा ने सवाल पूछा तो अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा कि उन पर सवाल पूछ कर अपना समय मत खराब करिए.


क्या मिले संकेत
चाचा की नाराजगी तो जगजाहिर है लेकिन अब भतीजे अखिलेश ने भी संकेत दे दिए हैं कि भले ही चाचा को जहां जाना हो जाएं. सपा पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. दरअसल, कन्नौज में अखिलेश यादव कल जब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तो उनसे एबीपी गंगा ने शिवपाल यादव को लेकर सवाल पूछा गया. जिस पर अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा कि उन पर सवाल पूछ कर अपना समय मत व्यर्थ करिए. इससे साफ पता चलता है कि शायद अखिलेश यादव भी इसके लिए तैयार हैं कि अगर शिवपाल यादव उनके साथ छोड़ कर जाते हैं तो वह चले जाएं.


क्या बोले शिवपाल के प्रवक्ता
वहीं शिवपाल यादव की पार्टी के मुख्य प्रवक्ता दीपक मिश्रा का साफ तौर पर कहना है कि शिवपाल यादव जैसे बड़े कद के नेता के बारे में इस तरह की बात किसी को नहीं करनी चाहिए. अखिलेश यादव अगर इस तरह की बात कहते हैं तो फिर उनकी समझ के बारे में क्या कहा जाए. उनका यह भी कहना है कि सपा को आगे बढ़ाने में जितना शिवपाल जी का जितना हाथ है उतना और किसी का नहीं है. वहीं सपा के नेता भी ये मानते हैं कि शिवपाल यादव का साथ रहना पार्टी के लिए अच्छा रहेगा. लेकिन वह यह भी कहते हैं कि राजनीति में अगर आपका नेता जो कहता है वही सही होता है.


मंत्री ने ली चुटकी
चाचा भतीजे के बीच मची खींचतान को लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने चुटकी लेते हुए कहा, "अखिलेश यादव को ना अपनों पर भरोसा है ना अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा है. इसीलिए शायद वह इस तरह की बात कर रहे हैं." चुनाव से पहले जिस तरीके से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव एक साथ आए थे, उससे पार्टी कार्यकर्ताओं को भी यह लगा था कि ना केवल चुनाव में बल्कि चुनाव के बाद भी पार्टी और संगठन मजबूत होगा. लेकिन जिस तरह से चुनाव परिणाम आए उसके बाद से ही नाराजगी और खींचतान तमाम सवालों को खड़ा कर रही है.


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