UP Cooperative Elections: भारतीय राष्ट्रीय सहकारिता संघ के अध्यक्ष रह चुके सपा के पूर्व सांसद चंद्रपाल सिंह यादव ने पूरे उत्तर प्रदेश में सहकारिता चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं. आरोप है कि कहीं नामांकन पत्र नहीं खरीदने दिए गए तो कहीं नामांकन पत्रों में गड़बड़ी करके निर्वाचन करा दिया गया. यही आरोप प्रत्याशियों ने भी लगाए हैं, हालांकि इन आरोपों को पीडब्ल्यूडी मंत्री जतिन प्रसाद ने नकार दिया है.


सहकारिता चुनाव किसानों से जुड़ा हुआ होता है, आरोप है कि यहां तमाम लोगों के पर्चों में गड़बड़ी कर दी गई है और निर्विरोध निर्वाचन किया गया है. झांसी के मोठ ब्लॉक के रफीक खान डेलीगेट बनने के लिए पर्चा दाखिल कर चुके थे, उनका चुनाव चिन्ह वितरण था लेकिन मोठ ब्लॉक में उनका पर्चा फटा हुआ मिला. रफीक ने कहा कि ये कैसी सरकार है सबका साथ और सबका विकास की बात करती है लेकिन विकास किसी का नहीं हुआ. 


पर्चा फाड़ने का लगाया आरोप


मऊरानीपुर ब्लाक के चुरारा निवासी राघवेंद्र परिहार ने बताया कि उनका नामांकन फॉर्म जमा था. निर्विरोध चुनाव करने के लिए उनका पर्चा खारिज कर दिया गया. आपको बता दें जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष का निर्वाचन छोटी-छोटी सहकारी समितियों में बने डेलीगेट और डायरेक्टर द्वारा किया जाता है, लेकिन विकासखंड में स्थित सहकारी समितियों में सिर्फ एक दल के प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचन होकर आ रहे हैं. इसी प्रकार के पंचायती चुनाव में भी आरोप लगे थे.


सहकारी समितियों से किसानों को खाद और बीज ऋण पर मिलता है. इन समितियों से किसानों का सीधा जुड़ाव होता है. किसान इन समितियों के सदस्य होते हैं. किसानों के मतों से ही डेलीगेट का निर्वाचन होता है. सपा नेता चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश में सहकारी समितियों के चुनाव में मेंबर्स के द्वारा प्रतिनिधियों का चयन होना चाहिए. सभी दल मिलकर सहयोग करते हैं, इससे सहकारी विकास और देश के आर्थिक विकास के लिए रास्ता खुलता है. इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. यह सहकारी आंदोलन के लिए ठीक नहीं है, यह प्रदेश के लिए भी ठीक नहीं है. प्रजातांत्रिक तरीके को जो भी क्रश करते हैं हम उनका विरोध करते हैं. 


जितिन प्रसाद ने दिया आरोपों पर जवाब


वहीं दूसरी तरफ पीडब्ल्यूडी मंत्री जतिन प्रसाद ने इन तमाम आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, पूरी पारदर्शिता से सरकार चलती है और लोकतंत्र में विश्वास रखती है. मतदान 18 मार्च को है, लेकिन ज्यादातर केंद्रों पर निर्वाचन निर्विरोध हो गया है. इसलिए वहां मतदान की आवश्यकता नहीं होगी.  


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