Rudraprayag News Today: रुद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखंड के सिलगढ़ पट्टी में स्थित कंडाली गांव का सिद्धपीठ मां इंद्रासणी मंदिर एक बार फिर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बना हुआ है. 12 वर्षों के बाद शुरू हुई मां इंद्रासणी की देवरायात्रा, क्षेत्र में उत्साह और श्रद्धा का माहौल लेकर आई है. यह यात्रा 26 नवंबर से प्रारंभ हुई है और अगले दो महीनों तक चलने वाली है.

मां इंद्रासणी का यह सिद्धपीठ 52 प्रसिद्ध सिद्धपीठों में से एक माना जाता है और स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज के श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष महत्व रखता है. मां को अलग-अलग रूपों में पूजा जाता है और हर 12 साल में यह देवरायात्रा आयोजित की जाती है. इस दौरान मां गांव-गांव और घर-घर जाकर अपने भक्तों का कुशलक्षेम पूछती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं.

देश-विदेश से पहुंच रहे श्रद्धालुयात्रा के दौरान मां इंद्रासणी का रथ सिलगढ़ पट्टी के अलग-अलग गांवों में भ्रमण करती हैं. भक्तगण मां के चरणों में फल, फूल, पंचमेवा और अपनी सामर्थ्य के अनुसार भेंट अर्पित कर रहे हैं. मां श्रद्धालुओं की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान कर रही हैं. इस यात्रा का विशेष आकर्षण यह है कि श्रद्धालु न केवल क्षेत्रीय गांवों से बल्कि देश-विदेश से भी इस देवरा यात्रा में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

कई प्रवासी परिवार जो सालों से अपने गांवों से दूर रह रहे थे, इस यात्रा के लिए अपने मायके और पैतृक गांव लौट आए हैं. महिलाओं और बच्चों में मां के दर्शन को लेकर खास उत्साह देखा जा रहा है. क्षेत्र के लोग अपने गांवों में मां को रात्रि प्रवास के लिए आमंत्रित कर रहे हैं, जिससे उनके घरों और गांवों में सुख-समृद्धि का वास हो.

ढोल-नगाड़ों से भव्य स्वागतदेवरायात्रा के दौरान स्थानीय समुदाय ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया है. अलग-अलग गांवों में मां के आगमन के दौरान श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक लोकगीतों के साथ मां का स्वागत कर रहे हैं. यात्रा के माध्यम से न केवल धार्मिक भावना प्रबल हो रही है बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपरा को सजीव रखने का भी माध्यम बन रही है.

मां इंद्रासणी की यह यात्रा जहां आध्यात्मिक ऊर्जा और धार्मिक आस्था का प्रतीक है, वहीं यह क्षेत्रीय एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूत कर रही है. यह यात्रा आने वाले दिनों में पूरे क्षेत्र को और अधिक भक्तिमय बना देगी.

यात्रा से दिया जा राह खास संदेशदेवरायात्रा की सफलता के लिए स्थानीय लोगों ने विशेष इंतजाम किए हैं. श्रद्धालु मां के दर्शन और आशीर्वाद के साथ-साथ इस यात्रा के दौरान होने वाले धार्मिक आयोजनों और परंपरागत उत्सवों में भी भाग ले रहे हैं. इस दो माह की अवधि में मां का आशीर्वाद पूरे क्षेत्र को समृद्ध और खुशहाल बनाने का संदेश दे रहा है.

ये भी पढ़ें: सिर पर 45 किलो रुद्राक्ष और शरीर पर रुद्राक्ष का कवच, महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने ये बाबा