Jayant Chaudhary on 47 Years Legacy: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पहली बार I.N.D.I.A गठबंधन छोड़कर बीजेपी नीत वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. जयंत चौधरी ने एबीपी को दिए इंटरव्यू में कहा कि देशहित को ऊपर रखकर फैसला किया. मुझे इसका कोई मलाल नहीं है. इसके साथ ही रालोद मुखिया ने 47 साल पुरानी चौधरी परिवार की परंपरा टूटने पर भी प्रतिक्रिया दी है.


जब जयंत चौधरी से पूछा कि पिछले 47 साल में यह पहली बार होगा कि चौधरी चरण सिंह के परिवार से कोई लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगा, क्या जयंत चौधरी डर गए हैं. इस सवाल पर रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने कहा इस बार तो चुनाव बहुत आसान है नतीजे खुलेंगे तो आपको पता लग जाएगा.इस बार जो हवा चल रही है वह बहुत अलग है, क्योंकि इससे पहले किसी सत्ताधारी पार्टी ने 400 पार का नारा नहीं दिया होगा. 






इसके साथ ही जयंत चौधरी ने कहा कि एनडीए में सभी विचारधार के लोग हैं. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार मुझे कोई ऐसी सरकार नजर आई जिसकी प्राथमिकता है कि हम चौधरी चरण सिंह की विरासत को जन-जन तक पहुंचाएं. रालोद मुखिया ने कहा कि मैं जाट समाज से आता हूं ये मेरे लिए गर्व की बात है. लेकिन मेरी संवैधानिक जिम्मेदारी है कि हम सभी को लेकर साथ चलें. वहीं जयंत चौधरी ने विपक्ष के झुकने के तंज पर कहा कि समझौता करना झुकना नहीं होता है.


बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जयंत चौधरी की पार्टी रालोद बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. जयंत की पार्टी रालोद दो सीटों बिजनौर और बागपत में लोकसभा का चुनाव लड़ेगी. जयंत ने इन दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है. रालोद ने बिजनौर लोकसभा सीट से चंदन चौहान को और बागपत सीट से राजकुमार सांगवान को उम्मीदवार बनाया है.


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