Prayagraj Magh Mela 2022: संगम नगरी प्रयागराज में लगे आस्था के माघ मेले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण अब तक सौ से ज्यादा संत-महात्माओं, पुरोहितों व कल्पवासियों के शिविरों में पानी भर गया है. बढ़े हुए जलस्तर ने पांच हज़ार से ज्यादा लोगों को प्रभावित किया है. तमाम कैंपों में तो इतना पानी भर गया है कि वहां अब नाव चलानी पड़ रही है. अब तक डेढ़ सौ के करीब कैंपों को खाली कराया जा चुका है और यहां रहने वाले लोगों को दूसरी सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है.
साधु-संतों को करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामनाशिविरों के साथ ही तमाम रास्तों पर भी पानी भर गया है. कई रास्ते और सड़कें नजर भी नहीं आ रही है. इससे मेले में आए हुए संत महात्माओं व श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वैसे यह मुसीबत फिलहाल कम होने वाली भी नहीं दिख रही है, क्योंकि कानपुर बैराज से दो दिन पहले ही भारी मात्रा में जल छोड़ा गया है. यह पानी रविवार से प्रयागराज के मेला क्षेत्र में पहुंचने लगेगा. मेला प्राधिकरण से जुड़े अफसरों के मुताबिक इसके साथ ही मौसम विभाग ने भी अगले दो दिनों में तेज बारिश की भविष्यवाणी भी की है. ऐसे में जलस्तर अगर बढ़ता है तो उससे ना सिर्फ मेला प्रशासन व श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ेगी.
कुछ दिनों में और बढ़ेगी परेशानियांगंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर से होने वाली परेशानियों को देखते हुए भी सरकारी अमला यह दावा कर रहा है कि उसने पीछे से छोड़े गए पानी व बारिश की आशंका के मद्देनजर तमाम एहतियाती कदम पहले ही उठा लिए हैं. लेकिन मेले में अभी जो हालात है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि श्रद्धालुओं के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे साबित होंगे. शिविरों के जलमग्न होने और और उनमें बाढ़ का पानी घुसने के बाद तमाम लोगों के सामान खराब हो गए हैं. बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी जगह पर शरण लेनी पड़ी है.
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