Uttarakhand News: उत्तराखंड की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रेखा आर्य (Cabinet Minister Rekha Arya) की चिट्ठी पर हुए विवाद के बाद अब उनके सुर बदल गए हैं. रेखा आर्य ने अब इस चिट्ठी को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि चिट्ठी में शिवालयों में चल चढ़ाने को लेकर कोई बाध्यता नहीं थी, ये सिर्फ पसंद और नापसंद की का मुद्दा था. जिसे गलत तरीके से पेश किया गया. रेखा आर्य ने कहा कि पत्र में किसी से जोर जबर्दस्ती कर जलाभिषेक करने को नहीं कहा गया है. ये सिर्फ उनकी इच्छा पर निर्भर करता है. 


रेखा आर्य ने दी चिट्ठी सफाई


कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य की ये सफाई उस चिट्ठी को लेकर आई है जिसे उन्होंने सचिव और निदेशक महिला सशक्तिकरण और बाल विकास को लिखा था. इस चिट्ठी में विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को बढ़ावा देने के लिए कांवड़ यात्रा में शामिल होने और शिवालयों में जलाभिषेक करने को कहा गया है. इसके साथ ही इस गतिविधि की फोटो लेकर विभाग की ईमेल आईडी पर भेजने के लिए भी कहा है. रेखा आर्य की ये चिट्ठी वायरल हो गई जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए थे. 


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वहीं जब रेखा आर्य से अफसरों को बरेली भेजे जाने के पत्र पर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी खुलकर नहीं कहा. कैबिनेट मंत्री ने सिर्फ इतना कहा कि इस विषय पर पूर्व में ही सफाई दी जा चुकी है. समय-समय पर अफसर बनाम रेखा आर्य हो जाता है इसके पीछे उद्देश्य कुछ और नहीं बल्कि सिर्फ इतना है कि वह जनहित के काम चाहती हैं और इसी में कहीं ना कहीं विवाद होता है. उनकी इच्छा व मंशा बिल्कुल साफ व पारदर्शी है. वो जनहित के लिए काम कर रही हैं और जनता ही उनके लिए सब कुछ है यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी संगठन या मुख्यमंत्री कार्यालय से नाराजगी के बाद वो सफाई देने पहुंची हैं, इस पर रेखा आर्य ने स्पष्ट रूप से कोई जवाब नहीं दिया. 


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