UP News: रामपुर (Rampur) पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने कहा कि 2024 में विपक्ष को 440 वोल्ट का झटका लगेगा. एनसीपी से बगावत कर अजित पवार के एनडीए खेमे में आने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने निजी आवास पर बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. पत्रकारों से मुखातिब हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत की. उन्होंने दावा किया कि यूसीसी आने से गरीब, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि कॉमन सिविल कोड धार्मिक अधिकारों और आस्थाओं पर अतिक्रमण नहीं है.

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मुख्तार अब्बास नकवी ने बीजेपी नेताओं से की मुलाकात

बीजेपी नेता ने कहा कि यूसीसी का विरोध करने वाले सियासी दुकान चला रहे हैं. संविधान सभा से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक समान नागरिक कानून के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि 7 दशकों से कारागार में कैद कॉमन कोड की रिहाई का समय आ गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नमाज पढ़ने, पूजा करने, चर्च-गुरुद्वारे में जाने या धार्मिक आस्थाओं को प्रदर्शित करने पर कोई बंदिश नहीं है. कॉमन सिविल कोड सभी धर्मों के लिए है.

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मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यूसीसी अगर धार्मिक गंथों की मान्यताओं पर हमला होता तो संविधान सभा में मौलाना अबुल कलाम आजाद, मौलाना हसरत मोहानी, सरदार बल्लभ भाई पटेल, पंडित जवाहर लाल नेहरू, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जैसे महापुरुष समर्थन नहीं करते. विरोधी यूसीसी की आड़ में भय और भ्रम पैदा करना चाहते हैं. 

'लॉ कमीशन बना रहा यूनिफॉर्म सिविस कोड का मसौदा'

सपा सांसद एसटी हसन के सुझाव पर उन्होंने कहा कि लॉ कमीशन चर्चा कर रहा है. सभी लोगों ने अपनी- अपनी राय दी है. लोगों की रायशुमारी के आधार पर लॉ कमीशन मौसदा बना रहा है. मुझे खुशी है कि पहली बार गंभीरता के साथ कॉमन सिविल कोड पर राष्ट्रीय बहस शुरू हुई है.

अमृत काल में कॉमन सिविल कोड पर मंथन का अमृत जरूर निकलेगा. पत्रकारों ने बीजेपी नेता से कोर्ट में फायरिंग, पुलिस कस्टडी में हत्या और भीम आर्मी चीफ को निशाना बनाए जाने पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अराजक तत्वों, गुंडे-बदमाशों को एहसास है कि उत्तर प्रदेश की धरती पर सख्त सबक मिलता है.

इसलिए घटनाओं पर सख्ती के साथ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने सपा नेता आजम खान के बयान पर भी पलटवार किया. मुख्तार अब्बास नकवी ने सुझाव दिया कि आजम खान को इतिहास-भूगोल से ज्यादा वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में सैकड़ों कानून होने से गरीब, पिछड़ा तबका और महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. 

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