UP News: बीजेपी ने वैसे तो आज़म खान (Azam Khan) की सदस्यता रद्द होने के साथ ही रामपुर (Rampur) विधानसभा सीट को लेकर मंथन शुरू कर दिया था. अब रामपुर में चुनाव की तारीखों के ऐलान साथ बीजेपी पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे ने रामपुर सीट पर कमल खिलाने के लिए कमान संभाल ली है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि रामपुर में 12 नवंबर को अल्पसंख्यक लाभार्थी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. अल्पसंख्यकों को साथ लेकर खिलाएंगे कमलकुछ समय पहले हुए रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में यहां कमल खिला था. इससे बीजेपी काफी उत्साहित है. अब आज़म खान की विधानाभ सीट पर कमल खिलाने की तैयारी है. इसके लिए पार्टी भी पूरी ताकत झोंकने में लगी है. ये सीट अल्पसंख्यक बाहुल्य है. लगातार आज़म खान यहां से जीतते रहे हैं. बीजेपी भी जानती है कि बिना अल्पसंख्यकों को साथ लिए इस सीट पर कमल खिलाना मुश्किल है. ऐसे में बीजेपी लाभार्थियों के सहारे अल्पसंख्यकों को अपना संदेश देगी. लाभार्थियों के जरिये सीट फतेह करने का लक्ष्यबीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली कहते हैं कि पीएम मोदी और सीएम योगी कि जो सर्व स्पर्शी योजनाएं हैं और सबका साथ सबका विकास के साथ जो सरकार चली उसका नतीजा है कि सरकार और संगठन मिलकर अल्पसंख्यक योजनाओं में बढ़ोतरी कर रहे हैं. अल्पसंख्यक समाज बड़ी संख्या में बीजेपी की तरफ आ भी रहा है. केंद्र और राज्य की योजनाओं से लाभान्वित होने वालों में बड़ी संख्या अल्पसंख्यक समाज के लोगों की है.  इस सीट पर हमेशा रहा आज़म का दबदबा

रामपुर विधानसभा क्षेत्र में आजम खान का हमेशा ही दबदबा रहा है. आजम खान 1980 में पहली बार रामपुर से विधायक चुने गए. तब उन्होंने जनता पार्टी सेक्युलर के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इसके बाद 1985 में लोकदल, 1989 में जनता दल, 1991 में जनता पार्टी और 1993 में सपा के टिकट पर विधायक चुने गए. इसके बाद 2002 से 2022 तक आजम खान या उनकी पत्नी तजीन फात्मा ही इस सीट से विधायक चुने जाते रहे. इस पूरे सियासी सफर के बीच में सिर्फ 1996 में कांग्रेस से अफरोज अली खान ने आजम से इस सीट को जीता था.
 
ये भी पढ़ें -