Mallikarjun Kharge statement: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ के भगवा वस्त्रों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर सियासत गरमाई हुई है. इस पूरे विवाद में अब जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य की भी एंट्री हो गई है. उन्होंने खड़गे के बयान पर पलटवार करेत हुए कहा कि ये कहां लिखा है? कि राजनीति भगवाधारियों को नहीं करनी चाहिए. ये भगवानन का रंग है. भगवाधारी को ही राजनीति करनी चाहिए.
रामभद्राचार्य ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि "ये कहां लिखा है कि राजनीति गुंडों को करनी चाहिए, राजनीति लफंगों को करनी चाहिए... राजनीति भगवाधारी को ही करनी चाहिए. ये भगवा रंग भगवान का रंग है. इस भगवा को रंग का ध्वज फहराकर शिवाजी ने पूरे महाराष्ट्र को एकजुट किया था. भगवाधारी को ही राजनीति करनी चाहिए. सूट-बूट वाले को राजनीति नहीं करनी चाहिए."
दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक चुनावी सभा में सीएम योगी का नाम लिए बिना उनके भगवा वस्त्रों को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि कई नेता साधुओं के भेष में रहते हैं और वो अब राजनेता बन गए हैं और कुछ तो मुख्यमंत्री भी बन गए हैं. वो गेरुआ कपड़े पहनते हैं और उनके सिर पर बाल नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी से कहूंगा या तो सफेद कपड़े पहने या अगर आप संन्यासी हैं और गेरुआं कपड़े पहनते हैं तो राजनीति से बाहर जाए.
बीजेपी की ओर से आई तीखी प्रतिक्रियाखरगे के इस बयान पर बीजेपी की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि ये कांग्रेस नहीं तय करेगी कि साधु संत क्या पहनेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने सनातन संस्कृति और साधु-संतो पर जो बयान दिया है उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. जिस तरह से मुगल अक्रांताओं ने सनातन को खत्म करने का प्रयास किया था, लेकिन फिर भी आज सनातन दुनिया को दिशा दिखा रहा है. साधु-संत क्या पहनेंगे ये कांग्रेस पार्टी तय नहीं करेगी, जो खुद भ्रष्टाचार के आकंठ दलदल में डूबी हुई है.
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