Ram Mandir Inauguration: श्री रामलला की की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसको लेकर पूरे देश से राम भक्तों की अलग-अलग तस्वीर भी सामने आ रही हैं. प्रभु राम के दर्शन अपने और उनकी प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए लोग लाखों जतन करते नजर आ रहे हैं. तो वहीं प्रभु राम का एक ऐसा भक्त ,जो लगभग 100 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर जयपुर से अयोध्या के लिए निकल पड़ा है और इस भक्त के अनोखे संकल्प ने उसे 34 सालों के बाद यह मौका दिया है.
जयपुर का अशोक रामलला की दर्शन करने के लिए अयोध्या के लिए निकल पड़ा है. वह अपने अधूरे संकल्प को पूरा करने के लिए 22 जनवरी को होने वाली श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के लिए 15 दिन पहले से ही हाईवे के रास्ते अयोध्या पहुंचने का संकल्प पूरा करता हुआ नजर आ रहा है. जयपुर में बतौर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाले अशोक खुद को प्रभु श्री राम का अनोखा भक्त बताते हैं और उनका मानना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बदौलत ही उनका यह सपना साकार हो पाया है.
जयपुर से पैदल चला प्रभु राम का भक्त
क्योंकि उनके राज में ही प्रभु श्री राम को अयोध्या में विराजमान कराया जा रहा है और इसके लिए भव्य आयोजन भी हो रहा है. 34 साल पहले प्रभु श्री राम के विराजमान होने का संकल्प लेकर इंतजार कर रहे अशोक का अब इंतजार खत्म होता नजर आ रहा है. क्योंकि प्रभु राम के दर्शन करने के लिए जितनी पूरी दुनिया आतुर है, उससे कहीं ज्यादा जयपुर के अशोक श्री राम की झलक देखने की उत्सुकता है. इटावा कानपुर हाईवे पर हाथों में झंडा कंधों पर बिट्टू बैग और प्रभु श्री राम के पोस्टर को लगाएं हाईवे पर पैदल चल रहे इस शख्स ने अपने लड़खड़ाते हुए कदमों से प्रभु श्री राम के दर्शन करने की इच्छा जाहिर की है.
प्रभु का दर्शन करना है लक्ष्य-अशोक
राम के दर्शन को पैदल निकल पड़े अशोक ने बताया कि जयपुर से कानपुर देहात तक के सफर को तय करने में उन्हें कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा. उनके सफर में राह चलते कहीं राहगीरों ने उनकी मदद भी की और उन्हें कुछ पैसे से योगदान भी किया, जिसके चलते वह सफर कर पा रहा है, लेकिन उम्र के इस पड़ाव में अशोक का प्रभु श्री राम के प्रति यह जज्बा काबिले तारीफ है. वहीं अशोक ने यह भी बताया कि राह चलते कुछ लोगों ने उसकी पैदल यात्रा को लेकर मजाक भी उड़ाया लेकिन उसके हौसले और प्रभु श्री राम से मिलने की लगन ने उसे कमजोर नहीं पढ़ने दिया. अशोक का कहना है कि 22 जनवरी से पहले ही इस लंबे सफर को तय करके अयोध्या में पहुंचकर प्रभु के दर्शन करना उसका संकल्प भी है और लक्ष्य भी.
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