UP Election: यूपी चुनाव के बीच राजा भैया की पार्टी को लगा बड़ा झटका, केशव प्रसाद मौर्य की भी बढ़ेगी मुश्किल
UP Assembly Election 2022: चुनाव के बीच राजा भैया की जनसत्ता दल के जिलाध्यक्ष माजिद अली सपा में शामिल हो गए. माना जा रहा है कि उनके आने से कौशांबी में सपा मजबूत होगी जिसका असर केशव मौर्य पर पड़ेगा.

UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के बीच राजा भैया को झटका लगा है. चुनाव से ठीक पहले उनकी पार्टी जनसत्ता दल के जिलाध्यक्ष माजिद अली ने पार्टी को अलविदा कह दिया और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. माजिद अली का कौशांबी में काफी प्रभाव माना जाता है उनके आने से सपा जहां इस क्षेत्र में मजबूत होगी वहीं दूसरी तरफ कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. केशव मौर्य के आने के बाद से ही सिराथू सीट सबसे हॉट सीट बनी हुई है.
केशव प्रसाद की मुश्किलें बढ़ीं
सिराथू सीट पर विपक्षी दल लगातार डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को घेरने की कोशिश में जुटे हुए हैं. सपा गठबंधन की ओर से इस सीट पर पल्लवी पटेल मैदान में है. माना जा रहा है कि माजिद अली के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से सपा को काफी फायदा होगा. यही नहीं अब तो सिराथू की जनता कयास लगाने लगी है कि डिप्टी सीएम को अपनी सीट बचाने के लिए यहां काफी जद्दोजहद करनी पड़ सकती है. माजिद से पहले कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ने पार्टी से इस्तीफा देकर अपना दल कमेरावादी में शामिल हो गए थे और अब राजा भैया की पार्टी के जिलाध्यक्ष माजिद अली सपा में आ गए हैं.
पहले भी सपा में रह चुके हैं माजिद
माजिद अली इससे पहले भी समाजवादी पार्टी में रह चुके हैं उस वक्त वो सपा में कौशांबी जिले के जिलाध्यक्ष रहे थे. लेकिन बाद में उन्होंने राजा भैया की जनसत्ता दल को ज्वाइन कर लिया था और अब वो एक बार फिर से सपा में आ गए हैं. शिक्षक सभा के प्रदेश अध्यक्ष व एमएलसी मान सिंह यादव ने माजिद अली को सपा ज्वाइन करवाया. माजिद ने सिराथू से सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल की जनसभा में ही पार्टी की सदस्यता ली.
गठबंधन से पल्लवी पटेल मैदान में
इस मौके पर सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सीना ठोक कर कहती है कि हमने सिराथू में सड़कें और ब्रिज बनवाया है. लेकिन सवाल ये नहीं है कि कितने बने हैं. सवाल ये है कि कितने बन सकते थे. सवाल यह है कि टेंडर किसको दिए गए थे. सवाल यह है कि जो निधि क्षेत्र में आई उसका बंदरबांट किसके बीच हुआ. पल्लवी पटेल ने दावा किया कि हाईवे में जाते हैं तो आपकी गाड़ियां फर्राटा भर रही है लेकिन समाज हाईवे में नहीं रहता है. वो गांव की पगडंडियों पर रहता है तो विकास की नीति गांव की पगडंडियों पर होना चाहिए.
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