जौनपुर के पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह की जेल से गुपचुप रिहाई के बाद चर्चाओं का बाज़ार गर्म है. रिहाई के इस तरीके को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि इस रिहाई के पीछे कोई बड़ा खेल हुआ है. आपके अपने चैनल एबीपी गंगा को धनंजय की रिहाई से जुड़े कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनके आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि इस मामले में नियमों की अनदेखी कर पूर्व बाहुबली सांसद पर मेहरबानी की गई है. धंनजय सिंह की जमानत 25 मार्च को ही बहाल हो गई थी और उसी दिन उसकी रिहाई के भी आदेश हो गए थे.


एबीपी गंगा चैनल के पास धनंजय सिंह की रिहाई आदेश के डिस्पैच रजिस्टर की कॉपी है. इस कॉपी के आधार पर कहा जा सकता है कि प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने 25 मार्च को शाम सवा चार बजे ही धनंजय की रिहाई के आदेश लिखित तौर पर जारी कर दिए थे. रिहाई आदेश के साथ ही परवाना और मुचलके की कॉपी भी सीधे तौर पर फतेहगढ़ जेल भेज दी गई थी. रिहाई आदेश स्पीड पोस्ट के ज़रिये भेजा गया था, जिसके आधार पर पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को बुधवार की सुबह ही रिहा कर दिया गया था.


रिहाई आदेश सीधे फतेहगढ़ जेल भेजे जाने और उसे पैरोकार के बजाय स्पीड पोस्ट से भेजे जाने को क़ानून के जानकार नियम व परंपरा के खिलाफ बता रहे हैं. दरअसल अदालतें आम तौर पर रिहाई आदेश उसी जेल को भेजती हैं, जहां वह मुल्जिम को रखे जाने का आदेश दिए होती हैं. प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने पांच मार्च को सरेंडर करने पर धनंजय सिंह को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में रखे जाने का आदेश दिया था. ऐसे में स्पेशल कोर्ट का रिहाई आदेश नैनी सेंट्रल जेल भेजा जाना चाहिए था. फिर यह यहां के सेंट्रल जेल की ज़िम्मेदारी थी कि वह रिहाई के परवाने को फतेहगढ़ की जेल को भेजे.


क़ानून के जानकारों का दूसरा दावा है कि रिहाई आदेश आम तौर पर पैरोकार के ज़रिये सीधे तौर पर हाथोंहाथ भेजा जाता है, लेकिन धनंजय के मामले में इसे स्पीड पोस्ट के ज़रिये भेजा गया था. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या धंनजय की रिहाई किसी सेटिंग से नियमों को दरकिनार कर कराई गई है, क्योंकि इस बारे में किसी को कानों कान ख़बर तक नहीं हुई थी. इस मामले में लखनऊ पुलिस की लापरवाही पहले ही सवालों के घेरे में है. लखनऊ के चर्चित अजीत सिंह मर्डर केस में लखनऊ पुलिस द्वारा धनंजय सिंह का रिमांड नहीं कराए जाने की वजह से ही बाहुबली की रिहाई मुमकिन हो सकी है.