UP News: उत्तर प्रदेश में मानसून के पहले राजधानी लखनऊ स्थित विधान भवन और विधान परिषद परिसर में एक बार फिर जलभराव की आशंका जताई गई है. जिसके बाद लोक निर्माण विभाग ने जलभराव से निपटने के लिए संबंधित विभागों को जल्द से जल्द तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए हैं. पिछले साल भी बरसात के मौसम में विधानभवन परिसर में जलभराव की स्थिति देखने को मिली थी. लेकिन, अब तक इस समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं.
लोनिवि ने राज्य संपत्ति विभाग को पत्र भेजकर पूर्व में हुए जलभराव की याद दिलाते हुए इस समस्या के स्थायी समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है. ताकि इस बार मानसून में ऐसे हालातों का सामना न करना पड़े. पिछले साल 2024 में भारी बारिश के दौरान विधान भवन के गेट नंबर 3 से 7 तक के क्षेत्र में जलभराव की गंभीर स्थिति बन गई थी, जिससे बाहर की सड़क का पानी परिसर में घुस गया था.
ऐसे हो सकता है समाधानइस समस्या के समाधान के लिए नालियों के निर्माण, सीवर पाइपलाइन डालने और पुरानी लाइनों की मरम्मत की आवश्यकता बताई गई है. इसके लिए नगर निगम, जल संस्थान और प्रांतीय खंड लोनिवि को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. वहीं गेट नंबर 7 की सीवर लाइन की जांच और बदलाव की जिम्मेदारी जल संस्थान को दी गई है, जबकि गेट नंबर 3 से 7 तक नई पाइपलाइन डालने का काम लोक निर्माण विभाग के पास है. साथ ही भवन के सामने सीवर और उपवन क्षेत्र से पानी की निकासी के लिए भी विशेष उपाय किये जाने की बात कही गई है.
सड़कों को अच्छा बनाने के लिए विधानसभा के आंतरिक मार्ग पर बार-बार बिटुमिनस कोटिंग किए जाने से सड़क ऊंची हो गई है, जिससे बारिश के पानी बहाव बाधित हो रहा है. इस संबंध में लोनिवि ने सभी संबंधित विभागों की बैठक जल्द आयोजित कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है जिससे मानसून के पहले ही तैयारियां पूरी की जा सके. लोक निर्माण विभाग द्वारा लिखे गए पत्र में यह बात स्पष्ट की गई है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो विधान भवन परिसर में एक बार फिर से जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
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