UP Electricity Privatization: उत्तर प्रदेश में दक्षिणांचल व पूर्वांचल बिजली कंपनियों के निजीकरण का लगातार विरोध किया जा रहा है. बिजली कर्मचारियों ने सोमवार को भी काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया और इस प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की. वहीं अब ये आंदोलन और तेज होने जा रहा है. नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE) ने इसके विरोध में यूपी समेत देश व्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है.
NCCOEEE ने सोमवार को यूपी के दो डिस्कॉम के साथ चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के विरोध में 23 जनवरी को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. इस दिन लखनऊ समेत सभी राज्यों की राजधानी में बिजली कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी ज़ाहिर करेंगे और इस प्रक्रिया को निरस्त किए जाने की मांग करेंगे.
बिजली कंपनियों के निजीकरण का विरोधउत्तर प्रदेश में लगातार बिजली के निजीकरण को लेकर कर्मचारियों में विरोध देखने को मिल रहा है. सोमवार को भी प्रदेश के विद्युत कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं ने पूरे दिन हाथ में काली पट्टी बाँधकर अपना विरोध जताते हुए काम किया. प्रदेश के सभी जनपदों में दोपहर में भोजनावकाश या कार्यालय के समय विरोध प्रदर्शन किए गये.
इसके अलावा मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, जवाहरपुर, पनकी, परीछा, अनपरा, वाराणसी, पिपरी, ओबरा, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, झांसी, बांदा, आगरा और कानपुर में सभाएं की गई और इस प्रक्रिया को रोकने की माँग की गई है.
निजीकरण के विरोध में की गई सभाओं में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने लखनऊ में लेसा, मध्यांचल मुख्यालय, पारेषण भवन, एलडीसी, उत्पादन निगम और शक्ति भवन मुख्यालय पर सभाओं को संबोधित किया. वहीं NCCOEEE ने निजीकरण के लिए होने वाली पहली बिडिंग के विरोध में 23 जनवरी और चंडीगढ़ में निजीकरण के विरोध में 31 जनवरी को देशभर के मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्सन किए जाएंगे.
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