Prayagraj News: अगर आपका कोई रिश्तेदार या दोस्त बीमार है और उसे खून चढ़ाए जाने की ज़रुरत है, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है. अहम इसलिए है क्योंकि प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) ने लोगों की ज़िंदगी बचाने के लिए ज़रूरी समझे जाने वाले खून का अवैध कारोबार करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह के लोग ज़रूरतमंद और परेशान लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें वह खून मरीज को चढ़ाने के लिए देते थे, जिसकी कोई मेडिकल जांच ही नहीं होती थी. यानी ज़िंदगी बचाने के नाम पर इस्तेमाल किए जाने वाला खून कई बार लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन जाता था और उनकी ज़िंदगी बढ़ाने के बजाय उसे मुश्किल में डाल देता था.

क्या है पूरा मामला?पुलिस ने सरगना शान मोहम्मद उर्फ़ शानू समेत खून तस्कर गिरोह के एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पकड़े गए लोगों के पास से सवा सौ यूनिट से ज़्यादा ब्लड, कई सरकारी अस्पतालों की फर्जी रसीद, बुकलेट और लाल खून के काले कारोबार में इस्तेमाल होने वाली कार भी बरामद की है. गिरोह के लोग पिछले काफी दिनों से खून तस्करी के इस गोरखधंधे के काम को अंजाम दे रहे थे. प्रयागराज पुलिस के मुताबिक़ गिरोह के लोग अब तक पांच सौ से ज़्यादा लोगों को बिना जांच वाला खून ऊंची कीमत में बेच चुके हैं.

पुलिस ने 12 लोगों को किया गिरफ्तारप्रयागराज के एसपी सिटी संतोष कुमार मीणा के मुताबिक़ गिरोह के लोग गरीबों-नशेड़ियों और किसी ज़रूरतमंद को अपना शिकार बनाकर उसका एक यूनिट खून सिर्फ सात- आठ सौ रूपये देकर ले लेते थे. किसी का खून लेने के लिए सिर्फ उसका ब्लड ग्रुप ही जांचा जाता था. जो खून लिया जा रहा है, वह किसी मरीज को चढ़ाने लायक है भी या नहीं और उसमे हीमोग्लोबिन कितना है और खून संक्रमित तो नहीं है, इसकी कोई जांच नहीं की जाती थी. ज़रूरतमंदों का खून बरामद की गई जेस्ट कार में ही निकाला जाता था. गिरोह के लोग कार को पैथालाजी समझकर उसका इस्तेमाल करते थे. निकाले गए खून को गिरोह के सरगना के घर पर रखा जाता था.

गिरोह के कई सदस्य बड़े अस्पतालों के बाहर घूमते रहते थे. यह ऐसे ज़रूरतमंदों को तलाशते थे, जिनके पास एक्सचेंज के लिए कोई डोनर नहीं होता था और उसके मरीज का केस इमरजेंसी होता था. ऐसे लोगों से वह आमतौर पर आठ से दस हज़ार रूपए लेकर उन्हें एक यूनिट खून देते थे. कई बार तो यह लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए एक यूनिट के लिए पंद्रह हज़ार रूपये तक वसूल लेते थे. यह खून के पैकेट्स पर किसी बड़े ब्लड बैंक की फर्जी स्लिप लगा देते थे. ऐसे में पैसे देने वालों को कोई शक भी नहीं होता था. गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ आईपीसी की कई गंभीर धाराओं के साथ ही मेडिसिन एक्ट - 1940 के तहत भी केस दर्ज किया गया है. प्रयागराज पुलिस ने गिरोह के बारह लोगों को शहर के जार्ज टाउन इलाके से गिरफ्तार किया है.

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