Prayagraj News: यूपी लोकसेवा आयोग (UPPSC) से होने वाली एक और भर्ती प्रक्रिया कानूनी दांवपेच में फंसती हुई नजर आ रही है. एपीओ यानी असिस्टेंट प्रॉसिक्यूशन आफिसर के 44 पदों पर होने वाली भर्ती में 80 फ़ीसदी से ज्यादा पदों को आरक्षित किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है. हाईकोर्ट ने यूपी के न्याय विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री को सरकार का जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्तों का वक्त दिया है. अदालत इस मामले में 19 सितम्बर को फिर से सुनवाई करेगी. 

क्या है पूरा मामला?मामले की सुनवाई जस्टिस करुणेश सिंह पवार की सिंगल बेंच में हुई. अदालत ने यूपी सरकार से यह बताने को कहा है कि आखिर उसने किन नियमों के तहत सहायक अभियोजन अधिकारी यानी एपीओ की भर्ती के 80 फ़ीसदी से ज्यादा पदों को विभिन्न जाति वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया है. अभ्यर्थी विनय कुमार पांडेय की तरफ से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि यूपी रिजर्वेशन एक्ट के तहत किसी भी भर्ती या एडमिशन में अधिकतम 50 फ़ीसदी पदों को ही आरक्षित किया जा सकता है.

ईडब्ल्यूएस के लिए दिया जाने वाला विशेष आरक्षण इससे अलग है. याचिका में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किए जाने की वजह से भर्ती प्रक्रिया को रद्द किए जाने और नए सिरे से विज्ञापन जारी किए जाने की मांग की गई है. एपीओ के 44 पदों पर होने वाली भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा 21 अगस्त को हुई है. इस भर्ती के लिए 64390 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. हालांकि प्रारंभिक परीक्षा में सिर्फ 52 फ़ीसदी अभ्यर्थी ही शामिल हुए थे.

यूपी सरकार से किया जवाब तलबगौरतलब है कि जिलों में सरकार की तरफ से मुकदमों की पैरवी करने के लिए सहायक अभियोजन अधिकारियों यानी एपीओ की नियुक्ति की जाती है. इस पद पर भर्ती यूपी लोक सेवा आयोग की तरफ से की जाती है. तकरीबन चार साल बाद आयोग ने पिछले दिनों चौवालीस पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक़ आयोग ने चौवालीस में से छत्तीस पद आरक्षित कर दिए. यानी बयासी फीसदी के करीब पद आरक्षित कर दिए गए.  

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने आरटीआई से जो जानकारी हासिल की, उसके मुताबिक़ कुल चौवालीस पदों में से अनुसूचित जाति के लिए आठ, अनुसूचित जनजाति के लिए तीन, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए इक्कीस और ईडब्लू एस कैटेगरी के लिए चार पद आरक्षित किये गए है. इस तरह चौवालीस में से छत्तीस पद आरक्षित हो गए हैं. ऐसे में सामान्य वर्ग के लिए सिर्फ आठ पद ही बचे हुए हैं. पूरी भर्ती में महिलाओं को बीस फीसदी हॉरिजेंटल रिजर्वेशन दिया गया है. इस तरह महिलाओं के लिए पूरी भर्ती में आठ पद आरक्षित हैं. 

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