Prayagraj News: पिछले कई दिनों से बाढ़ की ज़बरदस्त तबाही से जूझ रही संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) के लोगों के लिए राहत भरी ख़बर है. प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर अब तेजी से घट रहा है.दोनों नदियां तकरीबन सात सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से घट रही हैं. छह दिनों बाद दोनों नदियां खतरे के निशान से डेढ़ मीटर नीचे बह रही हैं. नदियों का जलस्तर घटने से बाढ़ में फंसे हुए लोगों ने अब राहत की सांस ली है. हालांकि संगम और उसके आस-पास के इलाकों में अब भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है.
18 अगस्त की रात से बंद है मठ-मंदिरसंगम किनारे के तमाम मठ-मंदिर और आश्रम अब भी डूबे हुए हैं. संगम किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर अब भी बाढ़ के पानी में समाया हुआ है. मंदिर के साथ ही वहां तक जाने वाला रास्ता भी बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. धार्मिक महत्व का यह मंदिर अठारह अगस्त की रात से बंद है. उम्मीद जताई जा रही है कि तीन दिनों में परिसर से पूरी तरह पानी हटने के बाद मंदिर के कपाट एक बार फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. संगम के नजदीक गंगा का पानी अब भी सड़कों पर ही बह रहा है. देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु सड़क पर ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सड़क पर ही आचमन और पूजा अर्चना की जा रही है. कई शमशान घाटों के भी बाढ़ के पानी में डूबे होने की वजह से अब भी सड़कों पर ही दाह संस्कार हो रहे हैं. सड़कों पर ही चिताएं सज रही हैं.
कपाट खुलने में लग सकता है तीन दिनों का वक़्त वैसे नदियों का जलस्तर तकरीबन तीन मीटर तक घटने के बाद तमाम रिहाइशी बस्तियों से बाढ़ का पानी हटने लगा है. ज़्यादातर रिहाइशी बस्तियां अब बाढ़ की चपेट से बाहर आ चुकी हैं.हालांकि जिन रिहाइशी बस्तियों में बाढ़ का पानी भरा हुआ था, वहां अब बड़े पैमाने पर साफ़-सफाई की ज़रुरत है. स्वास्थ्य विभाग के सामने इन इलाकों के लोगों को संक्रामक बीमारियों से बचाने की चुनौती है. उम्मीद जताई जा रही है कि प्रयागराज में अगले तीन से चार दिनों में हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे.
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