UP News: उत्तर प्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) के थरवई (Tharwai) इलाके में दो दिन पहले प्राइवेट अस्पताल में दारोगा के बेटे की गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना का खुलासा हो गया है. पुलिस ने हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि हत्या की इस सनसनीखेज वारदात को महज पांच हजार रुपये के लेन-देन के विवाद में की गई थी. यह विवाद एक पुराने मोबाइल के खरीदने बेचने को लेकर हुआ था.

पुलिस के मुताबिक थरवई इलाके में प्राइवेट अस्पताल चलाने वाले राम सिंह उर्फ राज यादव ने दारोगा के बेटे पंकज कुमार यादव से एक पुराना मोबाइल खरीदा था. मोबाइल सही नहीं चलने पर झोला छाप क्लीनिक चलाने वाले मोबाइल वापस कर दिया. आरोपी पंकज यादव ने मोबाइल और पैसे दोनों हड़प लिए. आरोप है कि क्लीनिक संचालक राम सिंह उर्फ राज यादव जब भी पंकज से अपने पैसे मांगता तो वह उसे बेइज्जत करता था. पुलिस के मुताबिक पैसों के इसी लेनदेन को लेकर क्लीनिक संचालक राज यादव ने पंकज की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल अवैध पिस्तौल, कारतूस व अन्य सामान भी बरामद कर लिए हैं.

36 घंटे के अंदर हुआ खुलासा

डीसीपी अभिषेक भारती ने बताया कि 30 अगस्त को सुबह 09.30 बजे थाना थरवई को ये सूचना प्राप्त हुई कि वहां पर एक मृतक है, जिसका नाम पंकज यादव है, उसकी किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी है. सूचना मिलते ही तुरंत मेरे और एसीपी थरवई द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया और टीमों का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व एसीपी ने किया है, इसका सफल अनावरण हुआ है. इसमें 36 घंटे के अंदर जो मुख्य अभियुक्त, साथ ही एक ही अभियुक्त नामजद भी था, उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई है. इसका नाम राज यादव है, ये प्रतापगढ़ जनपद का रहने वाला है.

किसी और की है बरामद बाइक

अभिषेक भारती ने बताया कि इनके बीच का मुख्य विवाद पाया गया है, वो एक मोबाइल को खरीदने को लेकर 5 हजार रुपये का लेन-देन है, जिसको लेकर कहासुनी हुई, जो मृतक है वो अपना पैसा वापस मांग रहा था और उसी गहमागहमी में अभियुक्त की ओर से उस पर फायर किया गया. गिरफ्तारी के साथ इसके पास से आलाकत्ल जो तमंचा है, वारदात में इस्तेमाल हुआ था, वो बरामद हुआ है, एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ है. सथ ही भागने के लिए जिस मोटर साइकिल का इसने इस्तेमाल किया था वो बरामद हुई है, ये रजिस्टर्ड मेडिकल पेटिस्नर नहीं है ये ऐसे ही दवाईयां बांटता था, जैसे झोलाछाप बैठ जाते हैं दुकान खोलकर और दवाई देना शुरू कर देते हैं, ये डॉक्टर नहीं है, इसके खिलाफ में भी कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस ने की लोगों से ये अपील

डीसीपी ने बताया इसमें हमें जो लीड मिली थी वो है सीसीटीवी कैमरा, इसके माध्यम से अभियुक्त के भागने की दिशा हमें पता चल पाई थी. हमारे यूपी में एक अभियान चल रहा है. ऑपरेशन दृष्टि इसके अंतर्गत हम पुन: समस्त जनता से अनुरोध करना चाहेंगे कि आप अपने घरों और दुकानों के सामने ज्यादा से ज्यादा सीसीसटी कैमरा लगवाएं, इससे हमारा ही सहयोग नहीं होता है, आपकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है तो बढ़-चढ़ कर इसमें प्रतिभाग करें और ज्यादा से ज्यादा सीसीटीव कैमरे लगवाएं.

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