Prayagraj Holi 2025: देश के तमाम हिस्सों में होली का हुल्लड़ भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में आज दूसरे दिन भी जमकर अबीर-गुलाल उडाये जा रहे हैं.प्रयागराज में तीन दिनों तक सड़कों पर भीड़ के साथ रंग खेलने की अनूठी परम्परा है.यहां सड़कों पर सैकड़ों होलियारों की भीड़ आज दूसरे दिन भी रेन डांस करते हुए अबीर-गुलाल उड़ाकर होली की मस्ती में सराबोर नज़र आ रही है.चौक मोहल्ले में मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन और देश के पहले पीएम पंडित नेहरू के पुश्तैनी घरों के पास तो हुलियारों की इतनी भीड़ जुटी हुई है कि सड़कों पर कहीं तिल रखने की भी जगह नहीं है.
होली की मस्ती में सराबोर भीड़ का यह नज़ारा लोगों को बरबस ही कान्हा की नगरी मथुरा और वृन्दावन की याद दिला रहा है.महाकुंभ के सफल आयोजन की वजह से इस बार प्रयागराज में होली का खुमार कुछ ज्यादा ही लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है.रमजान का महीना होने के बावजूद यहां रंगों के पर्व पर किसी तरह की कोई तल्खी या तनाव नहीं है। ठंडई पीने की भी परम्परासंगम नगरी प्रयागराज में तीन दिनों के रंग पर्व पर इस बार होली के परंपरागत व फिल्मी गीतों के साथ ही भगवान श्री राम पर और महाकुंभ पर आधारित गीत भी जमकर बज रहे हैं. होली के दूसरे दिन प्रयागराज में कई जगहों से बारात निकाले जाने और सामूहिक तौर पर ठंडई पीने की भी परम्परा है.यहां के तीन दिनों के होली उत्सव में महाकवि निराला के मोहल्ले की दमकल होली और हरिवंश राय बच्चन के इलाके की कपडाफाड़ होली समूची दुनिया में मशहूर है.
प्रयागराज में होली का असली रंग दूसरे दिन ही देखने को मिलता है.प्रयागराज के दूसरे दिन की होली की भव्यता और यहां की मस्ती तमाम लोगों को मथुरा और वृन्दावन से ज्यादा पसंद आती है.यहां की गलियों में दूसरे दिन खेली जाने वाली होली को देखने के लिए दूर - दूर से लोग आते हैं.होलियारों की टोली यहां दूसरे दिन सडकों पर निकलने वाले किसी के भी ऊपरी कपडे़ फाड़ देती है, लेकिन कोई भी इसका बुरा नहीं मानता.
कवि सम्मेलन के आयोजनकपड़ा फाड़कर उसे हवा में लहराने की अनूठी परंपरा की वजह से ही यहां की दूसरे दिन की होली को कपड़ाफाड़ होली भी कहा जाता है.यहां दूसरे दिन सड़कों पर शाम तक रंग चलता है और इसके बाद जगह-जगह गीत-संगीत और कवि सम्मेलन के आयोजन होते हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू और मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन का परिवार भी प्रयागराज में रहने के दौरान न सिर्फ यहां की कपड़ाफाड़ होली में शामिल होते थे, बल्कि ये दोनों इसके आयोजन का हिस्सा भी बनते थे.