Prayagraj Cyber Fraud: संगम नगरी प्रयागराज में बुजुर्ग महिला को तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर उससे करीब डेढ़ करोड़ रूपये जबरन वसूले जाने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया है. यह सभी ठग एक इंटर स्टेट गैंग से जुड़े हुए थे और इनके असली सरगना विदेशों से पूरे आपरेशन को अंजाम देते थे. पुलिस ने महिला से वसूले गए तकरीबन डेढ़ करोड़ रूपये में से अड़तीस लाख रूपये की रकम बैंक में ही फ्रीज करा दी है. 


बुजुर्ग महिला काकोली दास गुप्ता प्रयागराज में अकेले ही रहती हैं. उनके पति रिटायर्ड आईएफएस अफसर थे. कुछ दिनों पहले ही उनका निधन हो चुका है. उनकी बेटी अमेरिका में रहती है. 23 अक्टूबर को उनके पास एक फोन आया. साइबर ठग ने कॉल कर कहा था फेडेक्स इंटरनेशनल कूरियर कंपनी से बोल रहा हूं. उनके नाम से एक पार्सल ताइवान से भेजा गया है. इस पार्सल में ड्रग्स, आपत्तिजनक सामान, तीन लैपटॉप और तीन क्रेडिट कार्ड है, जिसकी शिकायत की गई है. साइबर ठगों ने कहा पूरा मामला मुंबई क्राइम ब्रांच को जांच के लिए सौंपा गया है.


बुजुर्ग महिला से डेढ़ करोड़ रुपये वसूले
पकडे गए आरोपियों में नितलेश कुमार यूपी के शाहजहांपुर का रहने वाला है, जबकि राजेश कुमार गौतम बुद्ध नगर नोएडा का रहने वाला है. इसके अलावा रामा उर्फ चेतन कुमार तिलक नगर नई दिल्ली और निशांत राय नई दिल्ली के ही द्वारका इलाके का रहने वाला है. इन चारों ने दो हफ्ते पहले नेपाल और थाईलैंड में बैठे अपने इंटरनेशनल दोस्तों की मदद से प्रयागराज के जार्ज टाउन इलाके में रहने वाली तकरीबन पैंसठ साल की बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उससे तकरीबन डेढ़ करोड़ रूपये जबरन वसूल लिए थे.     


तीन दिन तक महिला को किया गया डिजिटल अरेस्ट
 इसके बाद क्राइम ब्रांच का डीसीपी बनकर एक अन्य व्यक्ति ने महिला को फोन किया. उसने महिला को धमकाया और जेल भेजने की बात कही. वर्दी पहने हुए उस शख्स ने वीडियो कॉल कर दिखाया कि वह पुलिस वाला ही है. बुजुर्ग महिला फर्जीवाड़े को समझ नहीं पाई और वह डर गई. साइबर ठगों ने वीडियो कॉल कर कहा कि वह पुलिस निगरानी में है. उन्हें ऑनलाइन गिरफ्तार यानी डिजिटल अरेस्ट किया गया है. वह अब अपने घर से बाहर नहीं जा सकेंगी. बुजुर्ग महिला को तीन दिनों तक लगातार वीडियो काल किये गए और इससे डरकर वह तीन दिन तक घर से बाहर नहीं निकल सकीं. 


पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
 इस मामले में पीड़ित बुजुर्ग महिला काकोली दास गुप्ता की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज में आईपीसी की धारा 419, 420, 34 और 66 सी/ 66 डी आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने जांच की तो बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ. पुलिस के मुताबिक़ लोगों को डरा धमकाकर डिजिटल अरेस्टिंग का दावा करने वाला गिरोह नेपाल और थाईलैंड के बैंकाक से अपने आपरेशन को अंजाम देता हैं. इन लोगों ने भारत देश में अलग-अलग राज्यों में अपने एजेंट बना रखे हैं. 


चार आरोपी हुए गिरफ्तार
पुलिस ने पकडे गए चार आरोपियों के कब्जे से सात मोबाइल फोन, सात अलग-अलग बैंकों के एकाउंट्स की चेक बुक, 10 एटीएम कार्ड, एक फर्जी आधार कार्ड फर्जी नाम पते पर लिए गए तीन सिम कार्ड बरामद किये हैं. प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट के साइबर सेल की टीम अब इस गिरोह के असली खिलाड़ियों का पर्दाफाश कर उन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.  


अन्य आरोपियों की तलाश जारी
 यह गिरोह बैंक खातों का कलेक्शन कर खाताधारकों के बैंक खातों में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर हासिल कर लेते हैं. इसके बाद सिम कार्ड को फर्जी मोबाइल में लगाकर मुख्य सरगना को सूचित कर देते हैं. व्हाट्सएप व टेलीग्राम के जरिए मोबाइल एप्लीकेशन फाइल भेज कर डाउनलोड कराते हैं. खाता धारकों के मोबाइल का रिमोट एक्सेस ले लेते हैं. प्रयागराज पुलिस ने कामयाबी हासिल करते हुए चार आरोपियों को ज़रूर गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन पर्दे के पीछे के शातिर खिलाड़ियों का पकड़ा जाना अभी बाकी है.  


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