UP News: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Allahabad University) के छात्रों का आंदोलन (Students Protest) थमने का नाम नहीं ले रहा है. यूनिवर्सिटी कैम्पस में आज भी देर तक हंगामा हुआ. यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर और दूसरे प्रोफेसरों की छात्रों के साथ झड़प भी हुई. नाराज चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार (Harsh Kumar) ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि अगर आंदोलन कर रहे छात्रों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह खुद धरने पर बैठेंगे.
 
प्रॉक्टर ने लगाए ये आरोप
 
चीफ प्राक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार ने कहा है कि छात्र पुलिस की मौजूदगी में प्रोफेसरों से धक्का-मुक्की करते रहे, लेकिन पुलिस ने कोई भी कदम नहीं उठाया. उनके मुताबिक पुलिस का यह रवैया कतई ठीक नहीं है. प्रोफेसर हर्ष कुमार का साफ तौर पर कहना है कि पुलिस अगर इन आंदोलनकारी छात्रों को गिरफ्तार नहीं करेगी तो वह खुद इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे. इतना ही नहीं एफआईआर दर्ज नहीं होने पर वह खुद धरने पर बैठेंगे. चीफ प्रॉक्टर का कहना है कि छात्रों के आंदोलन में कई बाहरी लोग भी घुस आए हैं. यह बाहरी लोग अराजकता फैला रहे हैं. वैसे यूनिवर्सिटी की तरफ से आज पहली बार कोई जिम्मेदार व्यक्ति सामने आया. दरअसल अपने आंदोलन की कड़ी में छात्र आज वाइस चांसलर के पुतले की प्रतीकात्मक तौर पर अर्थी निकालने की तैयारी में थे. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्रों से पुतला छीन लिया था.  
 
प्रोफेसर को धक्का-मुक्की में लग गई चोट
 
यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड्स ने इस दौरान छात्रसंघ भवन के गेट को बंद कर उस पर ताला जड़ दिया था. इससे छात्र नाराज हो गए थे. नाराज छात्रों ने जबरन ताला तोड़कर गेट को खोल दिया. इस हंगामे की खबर पाकर चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार और दूसरे कई प्रोफेसर छात्रसंघ भवन गेट पर आ गए. उन्होंने गेट को फिर से बंद कराने की कोशिश की. इस दौरान छात्रों और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों में जमकर कहासुनी और झड़प हुई. चीफ प्रॉक्टर का आरोप है कि इस धक्का-मुक्की में किसी ने एक प्रोफेसर को लात मार दी. इस पर चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार नाराज हो गए.  वैसे चीफ डॉक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार 15 नामजद और100 अज्ञात छात्रों के खिलाफ पहले ही एक एफ आई आर दर्ज करा चुके हैं.
 
प्रॉक्टर के आरोप को छात्रों ने बताया झूठा
 
 दूसरी तरफ आंदोलन कर रहे छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर के आरोपों को पूरी तरह गलत बताते हुए उन्हें तानाशाह करार दिया है. छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर को लात मारने का आरोप पूरी तरह से मनगढ़ंत है. छात्र अपनी मर्यादा कतई नहीं भूलते. चीफ प्रॉक्टर सिर्फ उन्हें बदनाम करने के लिए इस तरह का आरोप लगा रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि चीफ प्रॉक्टर ने यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड्स के जरिए खुद छात्रों के साथ बदसलूकी कराई और वह पुलिसकर्मियों को भी लाठी चलाने के लिए लगातार उकसा रहे थे. स्टूडेंट्स ने पुलिस और सिक्योरिटी गार्डस पर कई छात्रों को पीटने का आरोप लगाया है. कल इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का स्थापना दिवस भी है. ऐसे में कल एक बार फिर से हंगामा होने की आशंका जताई जा रही है.
 
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