प्रयागराज: विवादित महिला धर्मगुरु सुखविंदर कौर उर्फ़ राधे मां के कलर्स टीवी के बहुचर्चित शो बिग बॉस में शामिल होने पर मचे बवाल और सनातन धर्म की हो रही बदनामी को लेकर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद आगे आई है. अखाड़ा परिषद ने राधे मां से दूरी बनाते हुए उनसे पूरी तरह से किनारा कर लिया है.


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि राधे मां का किसी भी अखाड़े से फिलहाल कोई सम्बन्ध नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि राधे मां न ही कोई संन्यासी हैं और न ही साध्वी हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व में जूना अखाड़े ने उन्हें सनातन धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए महामंडलेश्वर की पदवी जरूर दी थी, लेकिन बाद में उनके बारे में सच्चाई का पता चलने पर जूना अखाड़े ने उन्हें अखाड़े से निष्कासित भी कर दिया.


महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि राधे मां माता की चौकी करती हैं और वे कहां पर किस शो में जाती हैं, ये उनका निजी मामला हो सकता है, जिससे फिलहाल अखाड़ा परिषद या साधु संतों का कोई लेना देना नहीं है. महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि राधे मां को धार्मिक आस्था की कोई जानकारी भी नहीं है. उन्होंने कहा है कि केवल गाने बजाने और नाचने से धर्म की स्थापना नहीं होती है.


महंत नरेन्द्र गिरी ने लोगों से अपील की है कि राधे मां को साधु संतों की कैटेगरी में न देखा जाये. उन्होंने कहा कि राधे मां के सनातन धर्म की परम्परा के खिलाफ काम करने पर अखाड़ा परिषद कार्रवाई भी करेगा. महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि राधे मां के मामले में वे जूना अखाड़े के संरक्षक और अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी से भी बात करेंगे.


हालांकि उन्होंने दावा किया है कि मौजूदा समय में राधे मां सनातन परम्परा में आने वाले किसी भी अखाड़े में किसी पद पर नहीं हैं. हम आपको बता दें कि प्रयागराज में जनवरी 2019 में आयोजित दिव्य और भव्य कुम्भ के पहले राधे मां की जूना अखाड़े में महामंडलेश्वर के तौर पर वापसी कर ली गई थी, लेकिन अपने साथ जुड़े विवादों के चलते राधे मां प्रयागराज कुंभ मेले से पहले निकलने वाली जूना अखाड़े की पेशवाई में शामिल नहीं हुईं थीं.