Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए बने इंडिया गठबंधन के कारण बीते चुनावों के कई किस्से याद किए जा रहे हैं. इसी क्रम में अब बाराबंकी की सियासी लड़ाई को याद किया जा रहा है, जहां बीते चुनावों के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले अब साथ आ गए हैं और एक-दूसरे के लिए वोट मांग रहे हैं. 


दरअसल, यूपी की बाराबंकी सीट पर बीते चुनावों के दौरान सांसद, विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए एक-दूसरे के खिलाफ वोट मांगने वाले नेता इस बार के चुनाव में एक-दूसरे के लिए खड़े नजर आ रहे हैं. बाराबंकी सीट पर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद पीएल पुनिया 2009 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे. इस चुनाव में उन्होंने सपा के उम्मीदवार रामसागर रावत को हराया था. 


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तीन चुनावों की सियासी दुश्मनी
2014 के लोकसभा चुनाव में फिर से दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. हालांकि इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर प्रियंका रावत ने जीत दर्ज की थी. 2019 में भी फिर वही पुरानी कहानी दोहराई गई और कांग्रेस ने पीएल पुनिया तो सपा ने रामसागर रावत को अपना उम्मीदवार बनाया. इस बार फिर बीजेपी के उपेंद्र रावत चुनाव जीते थे. 


लेकिन अब इस बार के लोकसभा चुनाव में स्थिति बदली है और समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है. इस गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में है और कांग्रेस ने पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को अपना उम्मीदवार बनाया है. सबसे खास बात यह है कि बीते तीन चुनावों के दौरान धूर विरोधी रहे सपा नेता रामसागर रावत कांग्रेस उम्मीदवार के लिए वोट मांग रहे हैं.


ऐसा ही हाल जैदपुर विधानसभा सीट पर है, जहां बीते दो चुनावों के दौरान गौरव रावत और तनुज पुनिया एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार थे. दोनों ही चुनावों में तुनिज पुनिया को हराकर गौरव रावत सपा के टिकट पर विधायक बने थे. लेकिन बदली हुई परिस्थिति में गौरव रावत कांग्रेस के उम्मीदवार तनुज पुनिया के लिए वोट मांग रहे हैं.