नेशनल असेसमेंट ऑफ रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर वूमेन सेफ्टी (NARI 2025) ने अपनी रिपोर्ट में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को देश के 10 असुरक्षित शहरों में शामिल किया है. अब इस रिपोर्ट पर विवाद खड़ा हो गया है.रिपोर्ट जारी होने के बाद देहरादून पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रिपोर्ट के तथ्यों पर सवाल खड़े किए हैं.

देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि राज्य महिला आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह सर्वे ना तो राष्ट्रीय महिला आयोग ने, ना ही किसी सरकारी संस्था द्वारा कराया गया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इसका खंडन किया है. साथ ही यह भी बताया है कि यह एक निजी सर्वे कंपनी द्वारा तैयार रिपोर्ट है, जो अपराध के वास्तविक आंकड़ों पर आधारित न होकर, व्यक्तिगत धारणाओं पर बनाई गई है.

देहरादून पुलिस ने रिपोर्ट को बताया अव्यवहारिक

इस सर्वे में देश के 31 शहरो को शामिल किया है जिनमें मात्र 12770 महिलाओं से टेलीफोन के माध्यम से बातचीत कर इस सर्वे रिपोर्ट को तैयार किया गया है, जबकि देहरादून में महिलाओं की आबादी लगभग 9 लाख है जिनमें से मात्र 400 महिलाओं की राय पर शहर को असुरक्षित बताया गया है. पुलिस के अनुसार यह सैंपल साइज वह छोटा है और व्यावहारिक नहीं है इसको लेकर देहरादून पुलिस ने अपनी नाराजगी जाहिर की है,

आंकड़ों के अनुसार, अगस्त माह में डायल 112 पर जिले से 12354 कॉल में से केवल 2287 महिलाओं से जुड़ी थी इनमें से भी 1664 घरेलू विवाद थे जब की यौन शोषण से जुड़ी मात्र 11 शिकायत ही दर्ज हुई है या उन्हीं महिला अपराधों का अनुपात कुल शिकायतों का एक फ़ीसदी से भी कम है. पुलिस का औसत रिस्पांस टाइम 13 मिनट 33 सेकंड रहा है.

महिला सुरक्षा को लेकर मौजूद हैं कई व्यवस्थाएं

महिला सुरक्षा को लेकर जिले में कई व्यवस्थाएं मौजूद हैं जिसमें गोरा शक्ति है जिससे 125000 महिलाएं जुड़ी हैं जिनमें 16649 केवल देहरादून में से हैं. वहीं अगर बात करें देहरादून शहर की तो यहां पर 14 हजार सीसीटीवी कैमरे मौजूद हैं जो हर वक्त हर जगह है नजर रखते है. वहीं महिला हेल्प डेस्क वन स्टॉप सेंटर पिंक बूथ 13 गोरा चिता गाड़ियां सक्रिय है साथ ही महिला आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर और संस्थानों में सुरक्षा संबंधी कैंप भी देहरादून में आयोजित किया जा रहे हैं.

रिपोर्ट बनाने का तरीका सही नहीं- एसएसपी

एसएसपी देहरादून ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट में पुलिस पेट्रोलिंग का स्कोर देहरादून के लिए 33% है जबकि देश के सबसे सुरक्षित बताए गए कोहिमा का स्कोर 11% है. इसी तरह हैरेसमेंट एंड पब्लिक प्लेस में देहरादून का स्कोर 6% है जो राष्ट्रीय औसत 7% से बेहतर है. स्पष्ट है की रिपोर्ट बनाने का तरीका सही नहीं है. 

'भरोसे लायक नहीं है सर्वे'

एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि देहरादून हमेशा सुरक्षित शहरों में गिना जाता है. यही कारण है कि यहां नामी शिक्षा संस्थान और पर्यटन स्थल है जहां हर साल लाखों की संख्या में लोग आते हैं और यहां पर देश के विभिन्न राज्यों से छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं वहीं एसएसपी ने कहा कि सर्वे का सम्मान किया जाता है लेकिन नीतिगत निर्णय के लिए सर्वे के निष्कर्ष भरोसे के लायक नहीं है.

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