नोएडा. पुलिस ने एक ऐसे गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया जो इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में तब्दील कर रोजाना सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा रहे थे. इतना ही नही इससे देश की सुरक्षा को भी बड़ा खतरा था. क्योंकि जिन कॉल को यह कंवर्ट कर रहे थे उनका कोई भी डेटा नहीं रहता था. यही वजह है कि विदेश से कॉल करने वाले के बारे में सरकार कोई भी जानकारी नहीं जुटा सकती थी.

नोएडा पुलिस की माने तो आरोपियों के कब्जे से 40 से अधिक डेस्कटॉप, दो सर्वर मशीन, 14 छोटी बैटरी, सीपीयू, माउस और अन्य सामान बरामद किया है. सामान की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. आरोपियों में मोहसीन, ऋषि और संजय शामिल हैं. इन सभी को सेक्टर 62 आईथम टावर से गिरफ्तार किया गया है.

पांच सालों से काम कर रहा था गैंगपुलिस ने बताया कि यह गैंग पिछले पांच सालों से इस तरह का काम कर रहा था. मामले का पता चलने पर पुलिस ने छापेमारी की और आरिपोयं को धर दबोचा.

रोजाना 20-25 लाख रुपये का लगाते थे चूनापुलिस ने बताया कि ये गैंग इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में कंवर्ट कर सरकार को प्रतिदिन 20 से 25 लाख रुपए के रेवेन्यू का चूना लगा रहा था. क्योंकि जो कॉल 35 से 40 रुपये प्रति मिनट की होती थी. उस कॉल को यह 20 से 25 पैसे प्रति मिनट कर देते थे. सबसे बड़ी बात यह थी कि इस कॉल का कोई भी डाटा नहीं होता था जिससे सुरक्षा का खतरा भी बना रहता था.

नोएडा पुलिस ने टेलीकॉम कंपनियों से संपर्क कर यह जानने की कोशिश की कि इस गैंग के जरिए किन-किन कंपनियों के इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में कंवर्ट किया जा रहा था. जिससे यह पता चल सके कि यह गैंग प्रतिदिन कितने रुपए का चूना इन टेलीकॉम कंपनियों को लगा रहा था.

ये भी पढ़ें:

एबीपी की खबर का असर: यूपी के मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई का असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा

यूपी के गावों में 10 लाख मेडिकल किट भेजेगी कांग्रेस, हर ब्लॉक के लिए जारी करेगी हेल्पलाइन नंबर