Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में बीमा क्लेम के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के मामले में परत दर परत सच्चाई सामने आ रही है, फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा के साथ-साथ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तक में फर्जीवाड़ा किया है. 

इनमें भी मृतकों के बीमा कर दो लाख रुपये क्लेम के हड़पने की जानकारी मिली है. मृतक को दोबारा मृत दर्शाकर उसके नाम पर कई बीमा कंपनियों से भी क्लेम लिया जाता था. सरगना वाराणसी के ओंकारेश्वर सहित तीन आरोपितों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. अब कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो नए रहस्य सामने आए हैं. 

पुलिस को बड़ी संख्या में दस्तावेज मिले हैंअधिकृत सूत्रों के मुताबिक पुलिस को बड़ी संख्या में आधार कार्ड, पासबुक, एटीएम कार्ड और पैन कार्ड भी मिले हैं. इनमें कई के फर्जी होने की आशंका है. पुलिस को कई परिवार ऐसे भी मिले हैं, जिनके नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है, पुलिस जल्द ही इसका पर्दाफाश कर सकती है. संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के मुताबिक फर्जी तरीके से बीमा क्लेम हड़पने के मामले में अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश पहले ही किया जा चुका है, इससे जुड़े कई अहम सुराग हाथ लगे हैं.  

17 जनवरी को पुलिस ने स्कार्पियो सवार ओंकारेश्वर मिश्रा और संभल के अमित को पकड़कर गिरोह का राजफाश किया था, जांच में गांव से बीमा कंपनियों तक में सैकड़ों लोगों की मिलीभगत सामने आई है. दो बीमा कंपनियों में संविदा पर रह चुके ओंकारेश्वर ने अपने अन्य साथियों को साथ मिलाकर गिरोह बना लिया, कुछ बीमा कंपनियों में इनकी पहले से जान पहचान थी. बाकी में कमीशन देने के नाम पर घुसपैठ कर ली. 

मामले आगे की जांच चल रही हैसंभल की अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अनुकृति शर्मा के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच चल रही है. पुलिस ने अब कई अन्य लोगों को हिरासत में लिया है. उनके पास से बड़ी संख्या में बैंक पासबुक, आधार कार्ड और बीमा क्लेम से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इसके अलावा, पुलिस को कई कंप्यूटर और लैपटाप भी मिले हैं. जिनमें बीमा क्लेम धोखाधड़ी के पुख्ता प्रमाण हैं. 

जिले में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 2,15,026 लाभार्थी बीमा धारक हैं. योजना का लाभ 18 से 50 वर्ष के आयु के लोगों को मिलता है. 436 रुपये वार्षिक प्रीमियम जाती है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह ने कई फर्जी खाते और फर्जी नामांकित व्यक्ति बनाकर इन दोनों योजनाओं का लाभ उठाया है. 02 बीमा कंपनियों में संविदा पर रह चुके ओंकारेश्वर ने अपने अन्य साथियों को साथ मिलाकर गिरोह बना लिया था अब पुलिस फर्जीवाड़े के इस पूरे तंत्र को खंगाल रही है. 

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