उत्तराखंड के जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त हुई पुलिस, लोगों से की आग नहीं लगाने की अपील
उत्तराखंड में इन दिनों गर्मी के बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग ने भी दस्तक दे दी है. यहां लगातार कई जंगलों में आग लगने की खबरें सामने आई हैं. वहीं अब पुलिस प्रसाशन जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ काफी सख्ता होता दिख रहा है.
कोटद्वारः उत्तराखंड में गर्मी ने दस्तक दे दी है. गर्मी बढ़ने के साथ ही यहां पर जंगलों में आग लगने की घटनाएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं. उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग विकराल होती जा रही है. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक नौ सौ से ज्यादा जगह पर जंगलों में आग लगने की खबर सामने आई है.
फिलहाल लगातार जंगलों में बढ़ रही आग को लेकर अब स्थानीय पुलिस में सक्रियता देखी जा सकती है. इसी को लेकर सतपुली थानाक्षेत्र के सभी ग्राम प्रधानों और ग्राम प्रहरियों के साथ थानाध्यक्ष ने एक बैठक की है. इस बैठक में थाना क्षेत्र के जगलों में लग रही आग को रोकने के विषय में चर्चा की गयी.
असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त हुई पुलिस
इस दौरान थानाध्यक्ष संतोष पैथवाल ने सभी ग्राम प्रधानों और प्रहरियों को बताया की आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों की निशानदेही की जाए और ऐसे असमाजिक तत्वों की सूचना तत्काल थाने पर दी जाए. जिससे ऐसे शरारती तत्वों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सके.
उन्होंने बताया कि जंगलों में आग लगाना कानूनन जुर्म है. जंगलों में आग लगाने से वन संपदा को भारी मात्रा में नुकसान पहुंच रहा है और साथ ही साथ पारिस्थितिकी तंत्र भी खतरे में आ रहा है. थानाध्यक्ष की ओर से आम जनमानस से भी जंगलों में आग न लगाने की अपील की गयी है.
आग से कई जानवरों को खतरा
जंगल की आग न केवल वन भूमि को नष्ट कर रही है, बल्कि जंगलों में जीव-जन्तु छोटे-छोटे कीटों को भी नुकसान पहुंच रहा है. यमुना घाटी के पोंटी में तीन छानिया जबकि नगांणगावं में पांच छानिया जंगल की आग से प्रभावित होकर राख हो चुकी है. इन दिनों जंगलो की आग पशु पालको के लिए भी कई मुसीबतें पैदा कर रही ही हैं. जंगलो में चरने वाली भेड़-बकरियां भी आग के चलते अपना चारा नहीं ले पा रहे हैं.
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