प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 126वें मन की बात कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या का जिक्र करते हुए श्रद्धालुओं से अपील की. महर्षि वाल्मिकी की जयंती का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि अगले महीने 7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती है. हम सब जानते हैं, महर्षि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति के कितने बड़े आधार हैं. ये महर्षि वाल्मीकि ही थे, जिन्होंने हमें भगवान राम की अवतार कथाओं से इतने विस्तार से परिचित करवाया था. उन्होंने मानवता को रामायण जैसा अद्भुत ग्रंथ दिया. रामायण का ये प्रभाव उसमें समाहित भगवान राम के आदर्शों और मूल्यों के कारण है. 

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उन्होंने कहा कि भगवान राम ने सेवा, समरसता और करुणा से सबको गले लगाया था. इसीलिए हम देखते हैं, महर्षि वाल्मीकि की रामायण के राम, माता शबरी और निषादराज के साथ ही पूर्ण होते हैं. इसीलिए साथियो, अयोध्या में जब राम मंदिर का निर्माण हुआ, तो साथ में निषादराज और महर्षि वाल्मीकि का भी मंदिर बनाया गया है. मेरा आपसे आग्रह है, आप भी जब अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाएँ, तो महर्षि वाल्मीकि और निषादराज मंदिर के दर्शन जरूर करें.

पीएम की अपील पर सीएम योगी ने क्या कहा?

पीएम द्वारा अयोध्या का जिक्र करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आभार प्रकट किया है. सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में श्री अयोध्या धाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं से भावपूर्ण आह्वान किया है कि प्रभु श्री रामलला के दिव्य-दर्शन के साथ-साथ महर्षि वाल्मीकि जी एवं निषादराज जी के मंदिरों के दर्शन अवश्य करें.

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उन्होंने लिखा कि महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण महाकाव्य के माध्यम से प्रभु श्री राम के जीवन का दिव्य चित्रण किया और सम्पूर्ण मानवता को धर्म, सत्य और आदर्श जीवन जीने का पावन मार्गदर्शन दिया, तो वहीं निषादराज जी ने अपने आदर्श मैत्री और सेवा भाव से समाज को अनन्य प्रेरणा दी है.

सीएम ने लिखा कि श्री अयोध्या धाम में इन पावन स्थलों का दर्शन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने के साथ उनकी सामाजिक एकता की भावना और राष्ट्रीय चेतना को भी सुदृढ़ करेगा. आपका हार्दिक आभार प्रधानमंत्री!