आजमगढ़, एबीपी गंगा। आजमगढ़ के सिधारी क्षेत्र के शारदा सिनेमा हॉल में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह चल रहा है। समारोह के दूसरे दिन प्रसिद्ध अभिनेता पीयूष मिश्रा के साथ एक खुला संवाद आयोजित किया गया। 3 दिनों तक चलने वाले इस फिल्म फेस्टिवल में दलित अस्मिता, आदिवासी अस्मिता व सामाजिक न्याय से जुड़ी फिल्में दिखाई जा रही हैं। इस फेस्टिवल में 7 फिल्में दिखाई जाएंगी।
फिल्म फेस्टिवल कार्यक्रम जनपद में दूसरी बार आयोजित किया गया है। इस संवाद में पीयूष मिश्रा ने अपनी ज़िंदगी, फिल्म एवं रंगमंच का संघर्ष बड़ी संजीदगी के साथ सबके सामने रखा। उन्होंने युवाओं को जीवन और जीवन से जुड़ी हुई सीख सांझा की। साथ ही, वहां मौजूद युवाओं को सवाल करने का खुला मौका भी दिया और उनके उत्तर भी दिए।
वेब सीरीज पर भी हो सेंसर बोर्ड का दखल- पीयूष
इस संवाद के दौरान पीयूष मिश्रा ने वेब सीरीज का जिक्र करते हुए कहा कि सेंसर बोर्ड को वेब सीरीज में भी दखल करना चाहिए, क्योंकि इनके भरोसे बहुत हिंसा और खून-खराबा दिखाया जा रहा है, जो कि गलत है। रंगमंच को फिल्मों का पायदान बताते हुए उन्होंने कहा कि सिनेमा में जाने के इच्छुक युवाओं को रंगमंच में मेहनत करनी चाहिए।
वेब सीरीज ने खाली बैठे कलाकारों को दिया काम- पीयूष
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सिनेमा के लिए 2004 के बाद का समय काफी अच्छा रहा है और जिस तरह से आज वेब सीरीज जैसी फिल्में चल रही है, निश्चित रूप से बड़ी संख्या में खाली बैठे कलाकारों को भी काम मिल रहा है, यह युवाओं के लिए अच्छी बात है।
इस संवाद में फिल्म समीक्षक अजीत राय ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई। समारोह में "जेड प्लस" की फिल्म दिखाई गई और फिल्म के लेखक रामकुमार सिंह से भी संवाद हुआ। महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर फिल्म रोड टू संगम का विशेष प्रर्दशन किया गया। वहीं, फिल्म के अभिनेता पवन मल्होत्रा और निर्देशक अमित राय से भी खुला संवाद हुआ। निर्देशक मनोज वर्मा की फिल्म भूलन द मेज का भी प्रदर्शन किया गया।
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