Tiger Terror: पीलीभीत जिले में बाघ के हमलों ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है. बीते एक हफ्ते में खुटार रेंज के चतीपुर गांव और आसपास के इलाकों में बाघ ने दो किसानों को मार डाला. ताजा घटना चतीपुर गांव की है, जहां 35 वर्षीय राम प्रसाद पर खेत में सिंचाई के दौरान बाघ ने हमला कर उनकी जान ले ली. इस घटना ने इलाके में खौफ का माहौल पैदा कर दिया है, और ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
चतीपुर गांव में बाघ का हमला
सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र के चतीपुर गांव में सोमवार शाम राम प्रसाद खेत में पानी लगा रहे थे. तभी झाड़ियों में छिपे बाघ ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया. बाघ ने राम प्रसाद को गर्दन से पकड़कर करीब 500 मीटर तक घसीटा. आसपास के किसानों ने चीख-पुकार मचाई और बमुश्किल शव को बाघ के चंगुल से छुड़ाया. घटना की सूचना वन विभाग को दी गई, लेकिन टीम के कई घंटे बाद पहुंचने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया. राम प्रसाद के भतीजे राम निवास ने बताया कि चाचा की चीख सुनकर हम दौड़े, लेकिन बाघ उन्हें खींचकर ले गया. किसी तरह शव छुड़ाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
हफ्ते भर में दूसरी घटना
यह कोई पहली घटना नहीं है. छह दिन पहले नजीरगंज गांव में 48 वर्षीय हंसराम पर गन्ने के खेत में सिंचाई के दौरान बाघ ने हमला किया था. हंसराम का शव भी ग्रामीणों ने बमुश्किल बाघ से छुड़ाया. एक हफ्ते में दो मौतों ने इलाके में दहशत फैला दी है. मृतक के भाई ने कहा कि बाघ की चहलकदमी से खेतों में काम करना मुश्किल हो गया है. लोग डर के मारे खेतों पर नहीं जा रहे. ग्रामीणों ने वन विभाग पर ठोस कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की.
वन विभाग और WWF की कार्रवाई
पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे खुटार रेंज में वन विभाग और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) की टीमें सक्रिय हो गई हैं. डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि खुटार रेंज में बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गश्त बढ़ा दी गई है. ट्रैप कैमरे और बाघ मित्रों की मदद से वन्यजीवों के पग चिह्नों की मॉनिटरिंग की जा रही है. ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं. वन विभाग का दावा है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए सतर्कता बरती जा रही है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ये प्रयास नाकाफी हैं.
ग्रामीणों में डर, खेतों पर काम ठप
लगातार बाघ हमलों के कारण चतीपुर, नजीरगंज, माती माफी जैसे गांवों में लोग खेतों पर जाने से डर रहे हैं. गन्ने के खेत और झाड़ियां बाघों के लिए छिपने की जगह बन रही हैं. ग्रामीणों ने सड़क जाम कर वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की. विशेषज्ञों का मानना है कि टाइगर रिजर्व के आसपास गन्ने की खेती और जंगल की कटाई मानव-वन्यजीव संघर्ष को बढ़ा रही है.
बढ़ाई गयी निगरानी
वन विभाग ने बाघों को जंगल में खदेड़ने और ट्रैप कैमरों से निगरानी बढ़ाने का दावा किया है. हालांकि, ग्रामीणों की मांग है कि बाघों को पकड़ा जाए और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. इस बीच, इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है, और लोग खेतों पर काम करने से कतरा रहे हैं.