UP News: यूपी के पीलीभीत (Pilibhit) में दो दिनों की बारिश से पूरे जनपद में जगह-जगह जलभराव (Waterlogging) की स्थिति हो गई है. शारदीय नवरात्र (Navratra) के पहले दिन प्राचीन मंदिर प्रांगण में भक्तों को गंदे पानी से गुजरकर पूजा-अर्चना करनी पड़ रही है. यहां नगर पालिका प्रशासन पूरी तरह से लापरवाह नजर आ रहा है. ऐसा लग रहा है कि जिला प्रशासन का ध्यान भी इस ओऱ नहीं गया है. यहां के प्राचीन यशवंत री माता के मंदिर में दूसरे जनपद के लोग भी पूजा करने आते हैं.

मंदिर के महंत ने प्रशासन से की थी अपील

सैकड़ों वर्ष पुराने यशवंत री माता के मंदिर में शारदीय नवरात्र के पहले दिन भक्तों को गंदे और दूषित पानी के बीच खड़ा रहना पड़ा. हाल यह है कि मंदिर की प्रतिमा भी पानी में डूबी हुई है. वही पूरे मामले को लेकर मंदिर के महंत राजेश बाजपेई ने एबीपी गंगा से खास बातचीत में बताया कि इससे पहले भी वह जिला प्रशासन से कई बार साफ-सफाई की व्यवस्था की मांग कर चुके हैं लेकिन जिम्मेदार प्रशासन ने गंदे नाली का पानी सैकड़ों वर्ष पुराने तालाब में छोड़ दिया है जिसकी वजह से मंदिर प्रांगण तक पानी पहुंच गया. 

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लोगों ने सरकार पर निकाला गुस्सा

बारिश होने के कारण तालाब का गंदा पानी मंदिर में भर गया है. यहां माता की सेवा में आने वाले भक्तों ने कहा कि सरकार संस्कृति की बात करती है, जबकि सरकार में बैठे जिम्मेदार लोग लापरवाह बने हुए हैं. इस ओर कोई ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है. वहीं पूरे मामले को लेकर प्रशासन कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहा है. मंदिर प्रांगण में गंदा पानी भर गया है लेकिन अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि की इस ओर नजर नहीं गई है.  

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