Pakistani Iqra Mulayam Love Story: नोएडा के सचिन मीणा से दिल लगाने के बाद पाकिस्तान से भागकर भारत आने वाली सीमा हैदर की प्रेम कहानी इन दिनों समूची दुनिया में चर्चा का सबब बनी हुई है. हालांकि सीमा हैदर से कुछ महीने पहले पाकिस्तान की ही इकरा भी एक हिन्दुस्तानी से दिल हारकर नेपाल के रास्ते भारत भाग आई थी. वह भी सीमा हैदर की तरह बिना किसी वीजा के आई थी. इकरा ने यहां अपने हिन्दुस्तानी आशिक के साथ तकरीबन छह महीने का वक़्त भी बिताया, अपने पेट में उसके प्यार की निशानी पाली, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उनकी मोहब्बत को ज़माने की नज़र लग गई. सरहदों की बंदिशें कुछ इस तरह आड़े आईं कि इकरा को जबरन पाकिस्तान वापस भेज दिया गया और हिन्दुस्तानी आशिक जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया. पाकिस्तानी इकरा आज भी प्रयागराज के मुलायम की याद में सात समंदर पार से तड़प रही है, वहीं उसके हिन्दुस्तानी आशिक को भी इस बात का भरोसा है कि सरहद की बेड़ियां एक दिन टूटेंगी और उसे अपनी मोहब्बत की मंज़िल ज़रूर हासिल होगी.
सीमा हैदर और सचिन मीणा पबजी गेम के ज़रिये एक दूसरे के करीब आए तो वहीं प्रयागराज के मुलायम और पाकिस्तान के हैदराबाद प्रांत के शाही बाज़ार की रहने वाली बीस साल की इकरा आनलाइन लूडो गेम में एक दूसरे से दिल हार बैठे. इकरा के सिर मुलायम के इश्क़ की दीवानगी इस कदर चढ़ी कि उसने हिन्दुस्तान आकर धर्म - जाति और सरहद की बंदिशों को तोड़कर यहीं ब्याह रचाकर अपने सपनों के शहजादे के साथ पूरी उम्र बिताने का फैसला किया. कहा जाता है कि इश्क में सब कुछ जायज होता है, लिहाजा तमाम कोशिशों के बावजूद हिन्दुस्तान का वीजा नहीं मिलने पर इकरा ने सीमा हैदर वाला रास्ता अपनाया. पिछले साल जुलाई महीने में घर से भागकर वह पहले नेपाल के काठमांडू पहुंची और उसके बाद वहां से सीधे बेंगलुरु अपने आशिक मुलायम की बाहों में समा गई. प्रयागराज का मुलायम सिंह यादव बेंगलुरु में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था.
इकरा जिवानी ने बेंगलुरु पहुंचकर अपना धर्म परिवर्तन किया. वह इकरा से राधा यादव बन गई. दोनों ने वहीं चंद्रगृह मंदिर में ब्याह भी रचा डाला. इस बीच मुलायम ने इकरा को पत्नी बताते हुए राधा यादव नाम से उसका फर्जी आधार कार्ड बनवा दिया. प्रेम विवाह के कुछ दिनों बाद ही इकरा के गर्भ में मुलायम की प्रेम निशानी भी पलने लगी. हालांकि कुछ मेडिकल प्रॉब्लम आने की वजह से डाक्टरों की सलाह पर इकरा को बेंगलुरु में ही तीन महीने में एबॉर्शन भी कराना पड़ा. पाकिस्तानी इकरा अपने प्यार को पाने के लिए घर-बार छोड़कर हिन्दुस्तान ज़रूर भाग आई थी, लेकिन वह फोन के जरिए अपने परिवार व पाकिस्तानी परिचितों से संपर्क में रहती थी. उन्हें यह बताते में कतई कोताही नहीं बरतती थी कि हिन्दुस्तानी मुलायम उसे अपनी जान से ज्यादा चाहता है.
खुफिया एजेंसियों के रडार पर आने पर पकड़ी गई इकरा
फोन पर लगातार पाकिस्तान बातचीत होने की वजह से इकरा और मुलायम कुछ दिनों में ही खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गए. इसी साल 22 जनवरी को वह पुलिस के हत्थे चढ़ गए और उनकी पोल खुल गई. फर्जी आधार कार्ड बनवाने, धोखाधड़ी और बिना सूचना के विदेशी युवती को रखने जैसे आरोपों में मुलायम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इकरा से कई दिनों तक लम्बी पूछताछ हुई. इस दौरान पाकिस्तान से उसके अब्बू सुहैल जिवानी भारत आ गए. वह इकरा को अपने साथ वापस पाकिस्तान ले गए. तकरीबन तीन महीने का वक़्त बिताने के बाद मुलायम सिंह यादव अब जेल से रिहा हो चुका है. 12 अप्रैल को जेल से बाहर आने पर ही उसे इकरा के पाकिस्तान भेज दिए जाने की खबर हुई.
मां ने कसम दिलाकर पाकिस्तान जाने से है रोका
पिछले तीन महीने से उसका इकरा से सिर्फ एक बार ही संपर्क हो सका है. इकरा ने चोरी छिपे किसी तरह फोन पर बात करते हुए बताया कि घर वाले उसे सख्त पहरे में रखे हुए हैं. उसे न तो कोई फोन दिया जाता है और न ही बाहर निकलने व किसी से मिलने की इजाज़त है. घर के लोगों ने पुराने नंबरों को बंद भी कर दिया है. उसने मुलायम को यह भरोसा ज़रूर दिलाया कि वह सिर्फ उसी की है और एक दिन सारी बंदिशों को फिर से तोड़कर किसी न किसी तरह उस तक ज़रूर पहुंचेगी. इकरा की बातें सुनकर मुलायम तड़प उठा और उसने पाकिस्तान जाने का फैसला किया. हालांकि बूढ़ी मां ने कसम दिलाकर उसे हिन्दुस्तान में ही रोका हुआ है. परिवार वालों को लगता है कि मुलायम अगर पाकिस्तान गया तो इकरा के परिवार वाले उसे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे और उन्हें बेटे की जिंदगी से हाथ धोना पड़ेगा. परिजनों को पाकिस्तान की हुकूमत पर भी कतई यकीन नहीं है.
सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ दी
इकरा की जुदाई में मुलायम को अपनी ज़िंदगी पहाड़ सरीखी लगने लगी है. उसके जीने का मकसद फिलहाल उससे कोसों दूर है. मोहब्बत की मंजिल अभी दूर की कौड़ी लग रही है. उसे लगता है कि इकरा के कट्टर मां-बाप और दुश्मन देश की हुकूमत उसकी प्रेमिका के साथ कुछ अनहोनी कर उनकी मोहब्बत का गला घोंट सकती है. इकरा की जुदाई के गम में वह पत्थर बनता जा रहा है. उसने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ दी है. इकरा को तलाशते कभी वह बेंगलुरु की राह पकड़ता है तो कभी प्रयागराज में परिवार वालों के बीच पहुंचकर अपना दर्द साझा करने की कोशिश करता है.
मुलायम को उम्मीद इकरा वापस आएगी
मुलायम के परिवार वाले इकरा को बहू के तौर पर कबूल करने को तैयार हैं लेकिन सीमा हैदर और सचिन की प्रेम कहानी की चुनौतियों को देखकर उन्हें लगता है कि कहीं उनके बेटे को फिर से जेल व कोर्ट -कचहरी के चक्कर न काटने पड़ें. परिवार वालों ने मुलायम को दुनिया की नज़रों से बचाने के लिए उसे किसी महफूज़ जगह पर भेज दिया है. हालांकि मुलायम को उम्मीद है कि जिस तरह सीमा हैदर ने दुनिया की चुनौतियों का सामना करते हुए हर किसी को अपनी मोहब्बत का मुरीद बना लिया है, उसी तरह तकदीर एक दिन उस पर भी मेहरबान होगी और उसे इकरा की मोहब्बत फिर से नसीब हो सकेगी.