Meerut News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर मेरठ में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. शनिवार को पूरे शहर में स्वेच्छा से बंद का आह्वान किया गया, जिसे व्यापारियों, सामाजिक संगठनों और आम जनता का भरपूर समर्थन मिला. मेरठ के सभी प्रमुख बाजार, प्रतिष्ठान, स्कूल-कॉलेज, पेट्रोल पंप तक पूरी तरह बंद है .
शहर में सन्नाटा पसरा रहा, और सड़कों पर सिर्फ पुलिस और प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी दिखी. बाजारों की दुकानों के शटर डाउन रहे और आम दिनों की चहल-पहल पूरी तरह गायब थी. इस बंद के जरिए मेरठ की जनता ने आतंकवाद के खिलाफ अपना गुस्सा और पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की. डॉक्टरों की संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी बंद का समर्थन किया. IMA ने शनिवार को सभी ओपीडी सेवाएं बंद रखने का निर्णय लिया, हालांकि इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गई ताकि मरीजों को जरूरी इलाज मिल सके.
आतंकी हमले को लेकर लोगों ने निकाला आक्रोश मार्चशहर के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने आक्रोश मार्च निकाला और आतंकवाद के खिलाफ नारेबाजी की. हाथों में तख्तियां और झंडे लिए लोगों ने भारत माता की जय के नारों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने सड़क पर उतरकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के निवासी शुभम द्विवेदी की मौत हो गई थी. हमले में उनकी मौत के बाद यूपी में आक्रोश फैल गया, और विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं.
व्यापारियों ने एकजुट होकर मृतकों को सम्मान दियामेरठ का यह बंद शांतिपूर्ण है, लेकिन जनता के गुस्से और दर्द को साफ तौर पर जाहिर कर रहा है. व्यापारियों ने भी एकजुटता दिखाते हुए बिना किसी दबाव के प्रतिष्ठान बंद रखे. मेरठ के बंद ने यह साफ संदेश दिया कि देश की जनता अब आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ी है और वह मृतकों के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली.
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