उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक निजी अस्पताल में चिकित्सीय ऑक्सीजन पाइपलाइन में करीब 15 घंटे बाद सोमवार शाम दोबारा धमाका हो गया. जिससे वहां हड़कम्प मच गया. इस घटना ने अस्पताल की बड़ी लापरवाही उजागर कर दी. महज 24 घंटे के अन्दर इस तरह के खतरनाक हादसों ने स्थानीय प्रशासन के कान खड़े कर दिए. इसके बाद अधिकारियों ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर इमारत को सील कर दिया. यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दी.

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इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि सभी मरीजों को अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है और अस्पताल प्रबंधन को ऑक्सीजन पाइपलाइन और अग्नि सुरक्षा से जुड़ी जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं.

रविवार को दोपहर में हुआ था हादसा

अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले रविवार दोपहर करीब 12 बजे, थाना फेज-तीन क्षेत्र के सेक्टर-66 स्थित 49 बिस्तरों वाले ‘मार्क’ अस्पताल में भूतल पर आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) के पास शॉर्ट सर्किट होने से ऑक्सीजन पाइपलाइन में धमाका हुआ था. अब सोमवार शाम फिर से ऑक्सीजन लाइन में विस्फोट हो गया.

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घटना की सूचना मिलते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. नरेंद्र कुमार, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डीसीएमओ) डॉ. चंदन सोनी, स्वास्थ्य विभाग की सलाहकार श्वेता खुराना समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने कई मरीजों को पास के कैलाश अस्पताल और ओम अस्पताल में स्थानांतरित कराया.

मरीजों की जानकारी जुटाई जा रही

अधिकारियों के अनुसार, एक मरीज आईसीयू में भर्ती है, दो मरीजों को दिल्ली रेफर किया गया है, जबकि अन्य मरीजों की जानकारी जुटाई जा रही है. डीसीएमओ डॉ. चंदन सोनी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को देखते हुए इमारत को सील कर लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया गया है.

इस घटना ने नोएडा में प्राइवेट अस्पतालों में रख-रखावों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय लोगों ने कई और अस्पतालों में लापरवाही को लेकर जांच करने की बात कही है, ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके.