Om Prakash Rajbhar Profile: उत्तर प्रदेश में मंगलवार को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो गया. इसमें भाजपा के कोटे से दो और सहयोगी दलों के दो विधायकों को जगह दी गई है. विस्तार में भाजपा गठबंधन के साथी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के अलावा एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पुरकाजी क्षेत्र के विधायक अनिल कुमार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद के भाजपा विधायक सुनील शर्मा और भाजपा के विधानपरिषद सदस्य दारा सिंह चौहान ने पद एवं गोपनीयता भी शपथ ली.


योगी मंत्रिमंडल में मंगलवार को चार नए मंत्रियों ने शपथ ली. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इन्हें शपथ दिलाई. राज्यपाल के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चारों नए मंत्रियों को पुष्पगुच्‍छ देकर शुभकामनाएं दीं. मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर शुभकामनाएं देते हुए लिखा, "उत्तर प्रदेश सरकार में आज मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी साथियों को हार्दिक बधाई. पूर्ण विश्‍वास है कि आप सभी 'मोदी की गारंटी' को धरातल पर उतारते हुए 'विकसित उत्तर प्रदेश' के संकल्प की सिद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. आप सभी के उज्ज्वल कार्यकाल के लिए मेरी मंगलमय शुभकामनाएं."


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चुनाव के लिए काम करेंगे- ओपी राजभर
सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर को योगी कैबिनेट में जगह दी गई. मंत्री पद की शपथ लेने के बाद राजभर ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश तरक्की कर रहा है. आज उनके नेतृत्व में प्रदेश आगे बढ़ रहा है. हम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए काम करेंगे और प्रदेश की सभी सीटों पर जीत दर्ज करेंगे."


राजभर योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भी मंत्री थे, पर यूपी विधानसभा के चुनाव से पहले सपा गठबंधन में शामिल हो गए थे. उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतेगा. बसपा से अलग होकर 2002 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की स्थापना करने वाले राजभर वाराणसी जिले के मूल निवासी हैं. वह गाजीपुर जिले की जहूराबाद विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्होंने अपनी पार्टी का मुख्यालय बलिया जिले के रसड़ा में बनाया है. वह जिस राजभर बिरादरी से आते हैं, जिसकी पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छी संख्या है.


गौतरतलब है कि यूपी में राजभर जाति का करीब चार फीसदी वोट है, जिसका सीधा असर 16 लोकसभा सीटों पर पड़ता है. खास तौर पर पूर्वांचल की सीटों पर राजभर समाज का असर है, जहां 18 जिलों में राजभर समाज अहम माना जाता है. बीते चुनाव दो चुनावों के दौरान जिस गठबंधन के साथ ओम प्रकाश राजभर रहे उसे इसका फायदा मिलता रहा है.