वक्फ संशोधन कानून के प्रमुख प्रावधानों पर सुप्रीम रोक के बाद यूपी सरकार की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?
Om Prakash Rajbhar ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने पर प्रतिक्रिया दी और कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा सरकार किसी के खिलाफ नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने इसकी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है जिस पर बीजेपी नीत एनडीए के सहयोगी और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर प्रतिक्रिया आई है.
कैबिनेट मंत्री ने ओम प्रकाश राजभर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और दावा किया सरकार सभी वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. सरकार की मंशा किसी के खिलाफ नहीं है. सरकार का उद्देश्य सभी को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है.
राजभर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अन्य 3 गैर मुस्लिम लोगों को उसमें शामिल करने की इजाज़त दी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आदर किया जाएगा. सरकार भी यही कह रही थी कि अन्य लोगों को भी उस कमेटी में होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट कलेक्टर की शक्तियों पर कोर्ट ने जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने आज वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई करते हुए नए कानून में जिला कलेक्टर को दी गई व्यापक शक्तियों पर चिंता जताई और कहा कि नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों का न्याय करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. कलक्टर वक्फ भूमि विवाद का निपटारा नहीं कर सकते. यह मामला ट्रिब्यूनल को जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषदों में गैर-मुस्लिमों की संख्या तीन से अधिक नहीं हो सकती. वक्फ बोर्ड के कुल 11 सदस्यों में से 3 से ज्यादा गैर मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते. हमने प्रत्येक धारा के लिए प्रथम दृष्टया चुनौती पर विचार किया है और पाया है कि पूरे कानून पर रोक लगाने का कोई मामला नहीं बनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कानून पर रोक केवल दुर्लभतम मामलों में ही लगाई जा सकती है.
वक्फ के इस प्रावधान पर भी कोर्ट ने लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के उस प्रावधान पर रोक लगा दी है जिसके तहत वक्फ बनाने के लिए किसी व्यक्ति को पाँच साल तक इस्लाम का अनुयायी होना ज़रूरी था. कोर्ट ने कहा है कि यह प्रावधान तब तक स्थगित रहेगा जब तक यह तय करने के लिए नियम नहीं बन जाते कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के सभी प्रावधानों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि कुछ धाराओं को संरक्षण की ज़रूरत है.
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