UP News: यूपी में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने ओबीसी (OBC) की नियुक्तों को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने अब पिछले 10 सालों में सरकारी नौकरियों में ओबीसी (OBC) की नियुक्तियों का डेटा जुटाने की बात कही है. सरकार के इस फैसले के बाद अब इस पर सियासत शुरू हो गई है. सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर बड़े आरोप लगाए हैं. 


ओपी राजभर ने कहा, "हाईकोर्ट ने चार अक्टूबर 2013 को आदेश दिया था. जिसमें कहा गया था कि ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण का बंटवारा कर दिया जाए. इसके अलावा जो जातियां क्रिमीलेकर में आ गई है और आरक्षण का लाभ पा चुकी हैं, उन जातियों को आरक्षण से बाहर कर दिया जाए. अब उसमें 11 से 12 जाती आ रही थी. उसमें यादव भी आ रहा था और पटेल भी आ रहा था."


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अखिलेश यादव पर तंज
सुभासपा प्रमुख ने तंज कसते हुए कहा, "हालांकि संया भए कोतवाल तो अब भय काहें का. लेकिन अखिलेश यादव ने हाईकोर्ट के आदेश को नहीं माना. हाईकोर्ट ने जब आदेश दिया तब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. कोर्ट का ये फैसला काफी बड़ा था, जिससे अमीर और गरीब के बच्चे एक साथ पढ़ सकें. इस बात को लेकर हमलोग बराबर लड़ते रहे हैं. हालांकि इस पर जब अखिलेश यादव सत्ता में रहे तो उन्होंने कोई फैसला नहीं किया."


वहीं दूसरी ओर ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने संविधान में ये व्यवस्था दी है. जिसमें उन्होंने हर दस साल पर जातियों का आकलन करके ये आंकड़ा जुटाने की बात कही है. जिससे ये पता चल सके की कौन-सी जाती को फायदा नहीं मिला, जिससे उसे ऊपर बढ़ाने पर काम किया जा सके. उसी आधार पर हम मांग करते हैं कि जातिवार जनगणना हो. योगी सरकार ने कौन-कौन सी जाति कितनी है, इसका आकलन कराने का फैसला किया है, हम इसका स्वागत करते हैं. ये एक अच्छा पहल है."


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