उत्तर प्रदेश में अयोध्या के श्रीराम मंदिर अब पूर्ण हो चुका है, जिसके लिए 25 नवंबर को मंदिर पर धर्म ध्वजा फहराई जाएगी. इसको लेकर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. खुद प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के शिकर पर पूजत धर्म ध्वजा फहराएंगे. इस बार में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा कि ये बेहद ऐतिहसिक पल है. उन्होंने कहा कि यह समारोह न केवल मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक है, बल्कि भगवान राम के परिवार को उनके अधिकार क्षेत्र में विराजमान होने का ऐलान भी है.

Continues below advertisement

नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा कि 2024 में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद आज मंदिर का भव्य रूप पूर्ण रूप से उभर रहा है. पिछले 500 वर्षों के संघर्ष की विजयगाथा है ये.

राम मंदिर निर्माण अब पूर्ण हो चुका  

समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि धर्म ध्वजा स्थापना का समारोह राम भक्तों के लिए एक धार्मिक घोषणा की तरह है. यह स्पष्ट सन्देश है कि भगवान राम अब अपने स्थान पर विराजमान हैं. अब मंदिर भीतर से लेकर बाहर तक पूरी तरह तैयार है. दुनियाभर में रामभक्तों के लिए बेहद भावुक क्षण है. बीते 500 सालों के संघर्षों के बाद आज प्रभु राम अपने जन्मस्थान पर विराजमान हैं.

Continues below advertisement

नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर की अब सबसे ख़ास बात यह है कि भगवान राम का परिवार पहली मंजिल पर स्थापित है. जिसमें उनके भाई, उनके भक्त हनुमान और माता सीता स्थापित हैं. इस पारिवारिक मंदिर की आरती भी 25 नवम्बर को होगी जब प्रधानमंत्री धर्म ध्वजा फहराएंगे.

बाकी मंदिर भी पूर्ण हो चुके

इसके सतह ही नृपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि भगवान राम मंदिर के साथ ही परिसार में अन्य मंदिर भी पूर्ण हो चुके हैं, जैसी कल्पना अकी गयी थी. इनमें निषादराज मंदिर, शबरी माता मंदिर, अहल्या जी का मंदिर, महर्षि वाल्मीकि जी का मंदिर और अगस्त्य मुनि मंदिर का मंदिर भी बनकर तैयार है. यहां भी रोजाना आरती शुरू हो चुकी है.

पीएम मोदी की सराहना

नृपेन्द्र मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस मौके पर उपस्थिति को लेकर कहा कि आज उनके नेतृत्व में ही यह सब संभव हो पाया. उनके द्वारा धर्म ध्वजा फहराना एक तरह से रामभक्तों को विश्वास देगा कि मंदिर अब पूरी तरह पूरा हो चुका है.  धर्म ध्वजा समारोह रामभक्तों के लिए के उत्सव की तरह होगा, जहाँ मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों और नैतिकता को पुनः स्मरण किया जाएगा.