North Eastern Railway Unique experiment: पूर्वोत्तर रेलवे के सबसे बड़े जंक्शन गोरखपुर में शुक्रवार को अलग नजारा दिखाई देगा. यहां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एनईआर, यहां से गुजरने और चलने वाली 175 ट्रेनों की कमान भी महिलाओं के हाथों में रहेगी. गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 5 और 6 पर इस अभिनव प्रयोग का नजारा भी देखने को मिलेगा. जहां अधिकारी से लेकर कर्मचारी और ट्रेन के लोको पायलट, चालक दल के साथ गार्ड तक महिला ही होंगी. इसके साथ ही ट्रेन में चलने वाले सुरक्षा दस्ते की कमान भी आरपीएफ की जांबाज महिला जवानों के हाथ में होगी.
महिला दिवस पर खास प्रयोगपूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पूर्वोत्तर रेलवे खास प्रयोग कर रहा है. उन्होंने बताया कि इस प्रयोग के तहत एनई रेलवे के सबसे बड़े जंक्शन गोरखपुर में शुक्रवार को आरआरआई (रूट रिले इंटरलॉकिंग) की कमान सिर्फ महिलाएं सभांलेंगी. इन्हीं महिलाओं के हाथों में उस दिन चलने वाली सभी 175 ट्रेनें रहेंगी. ट्रेन के लिए प्वाइंट बनाने से लेकर उसे रास्ता दिखाने और लाइन क्लीयर करने तक की पूरी जिम्मेदारी आधी आबादी के हाथों में रहेगी. इसके अलावा एक ट्रेन में चालक दल से लेकर गार्ड और टीटीई सभी महिला ही रहेंगी.यह सब होगा महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं को सम्मान देने के लिए किया जा रहा है. साल 2024 में इस दिन को इंस्पायर इंक्लूजन (एक ऐसी दुनिया, जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले) थीम के साथ मनाया जाएगा. इसी को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे ने अब तक की सबसे बड़ी तैयारी की है. यह पहली बार होगा जब पूरा आरआरआई पैनल महिला कर्मचारियों के हाथ में होगा. स्टेशन प्रबंधन के अनुसार आठ मार्च को पहले शिफ्ट से ही महिला कर्मचारियों को पैनल की कमान सौंप दी जाएगी.
पैनल सुपरवाइजरमहिला पैनल सुपरवाइजर के ऊपर पूरे यार्ड में ट्रेनों के मूवमेंट की जिम्मेदारी रहेगी. कौन सी ट्रेन जाएगी, कौन आएगी, सब इन्हें तय करना होगा.
एरिया कंट्रोलरएरिया कंट्रोलर के हाथ में मालगाड़ियों के संचालन की जिम्मेदारी रहेगी. कौन सी मालगाड़ी कब चलानी है, सबकुछ इन्हें तय करना होगा.
जनरल सहायकटाइमिंग को फीड करना है जिससे पता चल सके कि ट्रेनें राइट टाइम चल रही है या देरी से.
ब्लॉक सहायकब्लॉक सहायक का काम ट्रेनों इन और आउट करना है.
पैनल ऑपरेटरपैनल ऑपरेटर ट्रेनों को सिग्नल देता है. इसके साथ ही उनके लिए प्वाइंट बनाने का काम करता है.
दूसरी महिलाओं के लिए बनीं प्रेरणाएनई रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि उनके यहां कार्यरत सभी महिला स्टेशन मास्टर सभी कार्यों में पूरी तरह से दक्ष हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि आठ मार्च को ट्रेनों का संचालन काफी आसानी और सहज तरीके से होगा. रेलवे में सबसे अधिक जिम्मेदारी और कठिन माने जाने वाली लोको पायलट की नौकरी महिलाएं बखूबी कर रही हैं. ये महिलाएं न सिर्फ पूरी रफ्तार से ट्रेन दौड़ा रही हैं, बल्कि अन्य युवतियों के लिए प्रेरणा भी बन रही हैं.एनई रेलवे के गोरखपुर मुख्यालय पर तैनात लोको पायलट समता बताती हैं कि उन्हें कई बार ऑफिस में काम करने का ऑफर मिला. उन्होंने ऑफिस के काम को कभी नहीं चुना. 12 साल से वो रेल चला रहीं हैं. लोको पायलट की जिम्मेदारी पूरे उत्साह से निभाती चली आ रही है. इसमें उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत और परेशानी नहीं हुई है. गोरखपुर में तैनात दो महिला चालक गोरखपुर से गोंडा, लखनऊ और नौतनवां तक रोज चलती हैं. यूपी में अवैध मदरसों के मामले पर सपा सांसद ने मुख्यमंत्री योगी से की अपील, मांगी मदद