मध्य प्रदेश में अक्टूबर माह के दौरान कफ सिरप के कथित दुष्प्रभाव से 20 से अधिक बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इस गंभीर घटना के बाद उत्तर प्रदेश में भी तत्काल सतर्कता बढ़ाई गई और औषधि विभाग ने बड़े स्तर पर अभियान चलाते हुए विभिन्न ब्रांडों के कफ सिरप के 23 सैंपल जांच के लिए लखनऊ स्थित ड्रग टेस्टिंग लैब भेजे थे. लेकिन हैरानी की बात यह है कि कई हफ्ते बीत जाने के बाद भी अभी तक केवल दो सैंपलों की रिपोर्ट आई है, जबकि 21 सैंपल अब भी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिससे दवा की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर चिंता और बढ़ गई है.

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गौरतलब है कि मेडिकल स्टोर ही नहीं, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भी जांच के घेरे में, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में औषधि विभाग ने सिर्फ मेडिकल स्टोर्स से ही नहीं, बल्कि कफ सिरप बनाने वाली निर्माण इकाइयों (मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स) पर भी सख्त कार्रवाई की थी. इन यूनिट्स से रॉ मैटेरियल, पैकिंग सामग्री और उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स के सैंपल भी जांच के लिए लिए गए थे.

लैब की क्षमता और कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

जानकारी के अनुसार, उत्पादन प्रक्रिया मानकों के अनुरूप हो. गुणवत्ता में किसी तरह की लापरवाही न हो. भविष्य में बच्चों की जान को किसी भी तरह का खतरा न हो. लेकिन रिपोर्ट आने में हो रही देरी ने लैब की क्षमता और कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी संवेदनशील जांच में त्वरित परिणाम बेहद आवश्यक होते हैं.

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रिपोर्ट में देरी में बच्चों के लिए बन सकती है खतरा

वहीं जांच रिपोर्ट में देरी से बढ़ रहा जोखिम,कफ सिरप से जुड़ी गंभीर घटनाओं के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द आए, ताकि गलत उत्पादों की पहचान कर उन्हें बाजार से हटाया जा सके. रिपोर्ट देर से आने का मतलब है कि संदिग्ध उत्पाद अभी भी बाजार में उपलब्ध हो सकते हैं, जो बच्चों की सेहत के लिए खतरा बन सकते हैं. नतीजों पर टिकी निगाहें,अब सभी की नजरें लखनऊ लैब द्वारा भेजी जाने वाली शेष 21 रिपोर्टों पर टिकी हैं. यह स्पष्ट है कि एक बार सभी रिपोर्टें आने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि बाजार में बिक रहे कफ सिरप सुरक्षित हैं या नहीं.

जिला औषधि अधिकारी ने क्या कहा?

जिला औषधि अधिकारी जयसिंह ने जानकारी दी कि भेजे गए 23 सैंपलों में से केवल दो सैंपलों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है, और दोनों में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई गई है. लेकिन बाकी 21 सैंपलों की रिपोर्ट अभी लंबित है, जिनका इंतजार विभाग के साथ-साथ जनता भी कर रही है. ये सभी सैंपल विभिन्न मेडिकल स्टोर्स से लिए गए थे.