उत्तर प्रदेश के नोएडा से साइबर ठगी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है, नोएडा के सेक्टर-78 स्थित एक सोसाइटी में रहने वाले रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने उनसे 12 लाख रुपये की ठगी कर ली. शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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अपर पुलिस उपयुक्त साइबर क्राइम शैव्या गोयल ने बताया कि बीती रात को रामसेवक तोमर ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वह सेक्टर-78 स्थित द हाइट पार्क सोसाइटी में रहते हैं. उनके अनुसार वह भारत सरकार से सेवानिवृत एक वरिष्ठ नागरिक हैं. उनकी पत्नी का पूर्व में देहांत हो चुका है. पीड़ित के अनुसार वह अपने घर पर अकेले रहते हैं. उनके बच्चे घर से बाहर रहकर नौकरी कर रहे हैं. 

जांच अधिकारी बनकर किया ब्लैक मेल

अपर उपायुक्त ने बताया कि पीड़ित के अनुसार 29 नवंबर को उनके मोबाइल फोन पर एक वीडियो कॉल आई. फोन करने वाले ने खुद को प्रदीप सावंत इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर क्राइम ब्रांच हेडक्वार्टर दिल्ली बताया. उसने कहा कि आपकी आईडी आधार कार्ड का प्रयोग करके केनरा बैंक दिल्ली में अकाउंट खोला गया है, जिससे डेबिट कार्ड हासिल किया गया है. उस खाते का प्रयोग नरेश अग्रवाल मनी लांड्रिंग केस में किया गया है. जिसमें उसकी भूमिका पाई गई है.

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साइबर अपराधी ने लिखित में मांगी अपील

पीड़ित के अनुसार तथा कथित अधिकारी ने उसके फोन को एक सीनियर ऑफिसर से कनेक्ट कर दिया, जिसने अपना नाम विजय कुमार खन्ना बताया. वह पुलिस यूनिफॉर्म पहने हुए था. कथित पुलिस अधिकारी ने कहा कि आपको मनी लांड्रिंग के केस में अपनी लिखित अपील भेजनी है. आप यह लिख कर दे दो कि आपका कार्ड चोरी हो गया था. मैं इसमें शामिल नहीं हूं. पीड़ित ने कथित अधिकारी के निर्देशानुसार ऐसा ही किया. 

पीड़ित ने यह भी बताया कि आरोपियों ने उन्हे डिजिटल अरेस्ट कर लिया तथा कहा कि 1 दिसंबर को सीबीआई कोर्ट में आपको बयान दर्ज कराने होंगे. पीड़ित के अनुसार 1 दिसंबर को उनके पास वीडियो कॉल आई, जिसमें एक व्यक्ति सामने जज की वेशभूषा में बैठा हुआ था. उक्त जज ने उसके ऊपर लगाए गए आरोप का अन्यायपूर्ण ढंग से फैसला सुनाया और कहा कि जो भी फंड उनके पास है ,उसे एक सुपरविजन अकाउंट में जमा कर दें.

पीड़ित के अनुसार इसके बाद कथित पुलिस अधिकारी ने उससे कहा कि आप तुरंत 2 लाख रुपये एक अकाउंट में जमा कर दें. पीड़ित डर गए तथा उन्होंने उक्त अधिकारी के कहे अनुसार 2 लाख रुपये अकाउंट में जमा कर दिया. उन्होंने बताया कि पीड़ित के अनुसार थोड़ी देर बाद उसे 10 लाख रुपये दूसरे अकाउंट में जमा करने के लिए कहा गया. पीड़ित ने वह रकम भी जमा कर दी. 

पुलिस कर रही मामले की जांच

उनके अनुसार 6 दिसंबर को उनके पास फिर फोन आया तथा आरोपियों ने उनसे कहा कि आप अपना म्युचुअल फंड आदि तोड़कर सारी रकम एक खाते में जमा कर दो. उन्होंने बताया कि पीड़ित को शक हुआ तथा उन्होंने घटना की शिकायत पुलिस से की. उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.