नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने भारत सरकार के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर को तीन दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर 1 करोड़ 70 लाख रुपए की ठगी  करने वाले एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी गाजियाबाद से की गई. पुलिस ने संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है, जिसमें ठगी रकम ट्रांसफर हुई थी.

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साइबर क्राइम थाने की पुलिस की गिरफ्त में प्रिन्स कुमार, विद्यासागर यादव और अवनीश  ने अपने बैंक के खाते साइबर अपराधियों को उप्लब्ध कराये थे, जिसका इस्तेमाल साइबर अपराधियों ने ठगी से मिले पैसो को ट्रांसफर किया था.

वीडियो कॉल से किया था डिजिटल अरेस्ट

आरोपी प्रिंस के खाते में 2 लाख रुपये, अवनीश कुमार के खाते में 72 हजार रुपये और विद्यासागर के खाते में 57 हजार रुपये आए थे. एडिशनल डीसपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि यह मामला 16 सितंबर को सामने आया, जब नोएडा के सेक्टर 62 निवासी भारत सरकार के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई. पीड़ित को वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट किया गया था. साइबर अपराधियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और पीड़ित के मोबाइल फोन का उपयोग 'नरेश गोयल स्कैम' में अवैध गतिविधियों के लिए किए जाने की जांच का डर दिखाया.

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एटीएम से निकाल लेते थे पैसा

डीसपी साइबर क्राइम शैव्या गोयल ने बताया की आरोपियों से की गई पूछताछ पता चला है कि धोखाधड़ी से प्राप्त धन को अपने बैंक खातों में जमा करते थे. इसके बाद एटीएम के माध्यम से पैसे निकालकर अन्य साथियों के खातों में ट्रांसफर कर देते थे. इस काम के लिए उन्हें 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था.

इस घटना में इस्तेमाल किये गये बैंक खातों के खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर विभिन्न राज्यों से कुल 6 शिकायतें दर्ज हैं. गिरोह के अन्य सदस्यों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस ने पीड़ित के साथ हुई धोखाधड़ी की कुल 17,48,000 रुपये की राशि फ्रीज कर दी है और रिफंड की प्रक्रिया जारी है. धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों के संबंध में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है.