उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बुनियादी ढांचे के विकास से पिछले पांच वर्ष में दिल्ली-एनसीआर में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे परियोजनाओं में आवास की कीमतें 2.5 गुना बढ़ी हैं, जबकि भूखंडों की कीमतें छह गुना से अधिक बढ़ी हैं.
संपत्ति सलाहकार इन्वेस्टोएक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट ‘रियलएक्स स्टैट्स’ में बताया गया कि यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में अपार्टमेंट की औसत कीमतें पिछले पांच वर्ष में 158 प्रतिशत बढ़ी हैं, जबकि भूखंड के मूल्य में 536 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं इन्वेस्टोएक्सपर्ट एडवाइजर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक विशाल रहेजा ने कहा है कि जेवर एयरपोर्ट शुरू होने के बाद यह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की परिवर्तनकारी क्षमता को दर्शाता है.
यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बढ़ी अपार्टमेंट की कीमतें
यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे अपार्टमेंट की औसत कीमतें 2020 में 3,950 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2025 में 10,200 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं. प्लॉट के मामले में औसत कीमतें 2020 के 1,650 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2025 में 10,500 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं.
इन्वेस्टोएक्सपर्ट एडवाइजर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक विशाल रहेजा ने कहा, 'भूखंडों के मूल्यों में भारी वृद्धि निवेशकों के विश्वास और जेवर हवाई अड्डा तथा यूईआर-II जैसी बड़े पैमाने की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की परिवर्तनकारी क्षमता को दर्शाती हैं.'
ग्रेटर नोएडा और नोएडा को यूपी से जोड़ता है एक्सप्रेस वे
बता दें यमुना एक्सप्रेसवे नोएडा और ग्रेटर नोएडा को उत्तर प्रदेश के आगरा से जोड़ता है. रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में जेवर एयरपोर्ट के संचालन शुरू होने के बाद क्षेत्र की कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है.
इसके साथ ही एक्सप्रेसवे के आसपास नए औद्योगिक कॉरिडोर, आईटी हब, टाउनशिप और शैक्षणिक संस्थानों की योजनाएं भी जमीन और फ्लैट की कीमतों को और ऊंचा कर सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास और निवेशकों के भरोसे के कारण यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र अब दिल्ली-एनसीआर का सबसे तेजी से उभरता हुआ रियल एस्टेट बाजार बन गया है.