नोएडा शेयर बाजार में निवेश करवाने के नाम पर बुजुर्ग कारोबारी से 79 लाख रुपये की साइबर अपराधियों ने ठगी कर ली. एक महिला ने पहले बुजुर्ग से फेसबुक पर दोस्ती की और इसके बाद 12 बार में अलग-अलग खातों में रकम ट्रांसफर कराई. इस मामले में साइबर क्राइम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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अपर पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम शैव्या गोयल ने आज बताया कि सेक्टर-94 स्थित सुपरनोवा रेजीडेंसी में रहने वाले एक शख्स ने पुलिस से शिकायत की है कि वह कारोबारी हैं. 10 सितंबर को कारोबारी से आरुषि नाम की महिला ने फेसबुक पर संपर्क किया. आरुषि ने खुद को स्टॉक ट्रेडर बताया और बेंगलुरू में रहने का दावा किया. महिला ने कारोबारी से कहा कि वह विदेशी प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग करती है. विभिन्न आईपीओ और कंपनियों में निवेश कर वह प्रतिमाह लाखों रुपये घर बैठे ही कमा रही हैं. इसमें अमेरिका में रहने वाले उसके चाचा मदद करते हैं. कारोबारी और महिला की बातचीत कई दिन तक फेसबुक पर ही चलती रही. 

इसके बाद दोनों के बीच व्हाट्सएप पर बातचीत होने लगी, एक दो दिन बाद कारोबारी को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया गया. इस ग्रुप में कई लोग पहले से मौजूद थे. सभी लोग ग्रुप में मुनाफे का स्क्रीनशॉट डाल रहे थे. महिला ने एक विदेशी प्लेटफॉर्म पर खुद के खाते से पांच लाख रुपये निवेश करने की बात कही. इसके बाद पीड़ित ने महिला के कहने पर प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाकर 50 हजार रुपये की पहली एंट्री की. सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच उन्होंने करीब 10 लाख रुपये जमा कर दिए. शुरू में प्लेटफॉर्म पर दिखाए गए फर्जी मुनाफे से पीड़ित को लगा कि सब कुछ सही है. इसी बीच प्लेटफॉर्म ने एक रिबेट स्कीम निकाली जिसमें 50 हजार यूएसडीटी जमा करने पर 25 हजार यूएसडीटी बोनस देने का दावा किया गया. 

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महिला के कहने पर पीड़ित ने 16 अक्टूबर तक 50 लाख रुपये ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद दूसरी स्कीम आई जिसमें महिला को 30 लाख और बुजुर्ग को 20 लाख रुपये स्कीम में निवेश करने को कहा गया. पीड़ित ने ठग के बहकावे में आकर 20 लाख रुपये उसे और भेज दिए. इस तरह कुल मिलाकर उन्होंने 79 लाख 20 हजार ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद जब बुजुर्ग ने रकम निकालने का प्रयास किया तब उन्हें ग्रुप से बाहर निकाल दिया गया.

एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल का कहना है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है. पीड़ित कारोबारी ने मुनाफा कमाने के नाम पर करीब 80 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन किया तो जालसाजों ने उन्हें एप पर करीब एक करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा दिखाया. एप पर उनकी रकम बढकर 1.83 करोड़ रुपये दिखाई दे रही थी. जैसे ही कारोबारी ने रकम निकालने की बात की तब जालसाजों ने 54 लाख रुपये जमा करने की बात कही तब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ.