NIA ने 15 दिसंबर को पहलगाम आतंकी हमले के मामले में 7 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है. इस चार्जशीट में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़े सदस्य शामिल हैं. NIA की जांच में सामने आया है कि आरोपियों का सीधा संबंध पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क से था और उन्होंने हमले की साजिश रचने से लेकर उसे अंजाम देने तक सक्रिय भूमिका निभाई.

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NIA द्वारा चार्जशीट दाखिल करने पर क्रूर आतंकी हमले में शहीद शुभम द्विवेदी के परिजनों की प्रतिक्रया सामने आई है. एक तरफ जहां उन्होंने इसे लेकर खुशी जाहिर की है वहीं उनका यह भी कहना है कि अभी भी आतंकवाद के खिलाफ बहुत कुछ बाकी है.

शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी की प्रतिक्रिया

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या द्विवेदी ने NIA की कार्रवाई पर संतोष जताया है. उन्होंने कहा, "भारत सरकार और NIA को बहुत धन्यवाद कि इस पर जल्द ही चार्टशीट तक बात आ गई और जांच पूरी हो गई. आपने एक्शन तुरंत-तुरंत लिए हैं इसके लिए जीतने भी अधिकारी और सशस्त्र बल इसमें शामिल हैं उन सबको धन्यवाद. चार्जशीट में उनका नाम है जो भारत के होकर उन पाकिस्तानियों की मदद कर रहे थे."

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उन्होंने आगे कहा, "मेरा निवेदन है कि इनको ऐसी सजा मिले कि अगली बार इन पाकिस्तानियों की मदद करने से पहले किसी भी भारतीय की आत्मा कांप जाए. ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ 10 लाख का इनाम था तो इनके खिलाफ अब हिंदुस्तान को चुप नहीं बैठना है. अब हमें पूरी तरह से इनके खिलाफ लड़ाई लड़नी है क्योंकि ये दिन पर दिन नए-नए आतंकवादी हमले कर रहे हैं. पहलगाम के बाद लाल किले की घटना और कल सिडनी में भी हमला हुआ, ये सब आतंकी हमले ही हैं. इनके खिलाफ पूरे देश को एक होना होगा."

आतंकवाद के खिलाफ और सख्त कदम की जरूरत- पिता संजय द्विवेदी

शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को हुए इस नरसंहार के बाद से ही यह स्पष्ट था कि इसके पीछे पाकिस्तान और उसके समर्थित आतंकियों का हाथ होगा. एएनआई को दिए बयान में उन्होंने कहा कि सरकार ने घटना के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई कर सही संदेश दिया. परिवार लगातार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की मांग कर रहा था.

उन्होंने NIA की तत्परता और गहन जांच की सराहना करते हुए कहा कि अब चार्जशीट कोर्ट और सरकार दोनों के लिए अहम दस्तावेज है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अभी और सख्त कदम उठाने की जरूरत है. ऑस्ट्रेलिया में हुई हालिया घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद वैश्विक खतरा बन चुका है और इससे निपटने के लिए सरकार और देशवासियों को एकजुट रहना होगा.