Uttarakhand News: नई दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखंड निवास को लेकर आम जनता के लिए राहत भरी खबर आई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि अब उत्तराखंड निवास में नेता और अधिकारियों के साथ ही आम जन को भी ठहरने की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए पूर्व में जारी शासनादेश को संशोधित करने के निर्देश दिए गए हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए स्पष्ट किया कि उत्तराखंड निवास सिर्फ नेताओं और अधिकारियों तक सीमित नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि इसे आमजन के लिए भी सुलभ बनाना होगा. इसके लिए उपलब्धता के आधार पर आम लोगों को ठहरने की अनुमति देने और दरों का पुनर्निर्धारण करने के आदेश दिए गए हैं.

पिछले शासनदेश में इन लोगों को मिलती थी ठहरने की सुविधापिछले शासनादेश के अनुसार, उत्तराखंड निवास में केवल राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश, सांसद, विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री, एडवोकेट जनरल, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के राजनैतिक दलों के प्रदेश अध्यक्ष, प्रमुख सचिव, डीजीपी और 13-ए ग्रेड या उससे ऊपर के अधिकारियों को ठहरने की सुविधा दी गई थी.

उत्तराखंड का आम नागरिक भी ठहर सकेगाइस सूची में आम नागरिक, अपर सचिव, या छोटे सरकारी अधिकारियों के लिए कोई स्थान नहीं था. यह प्रावधान उत्तराखंड के उन नागरिकों के लिए चिंता का कारण बना, जो व्यक्तिगत या सरकारी काम के सिलसिले में दिल्ली जाते हैं और सस्ती और सुरक्षित ठहरने की सुविधा की अपेक्षा रखते हैं. मुख्यमंत्री ने इसे जनता की जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए तत्काल संशोधन के निर्देश दिए. अब उत्तराखंड निवास में आमजन भी ठहर सकेंगे, बशर्ते कि कक्ष उपलब्ध हो. साथ ही, कक्ष आरक्षण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सभी पात्र व्यक्तियों को इसका लाभ मिल सके.

बहारी संस्थानों के लिए शुल्क लिया जाएगाउत्तराखंड निवास में सरकारी विभागों की बैठकों के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. लेकिन निगमों और समितियों को बैठक आयोजित करने के लिए 15,000 रुपये प्रतिदिन प्रति कार्यक्रम देना होगा. अन्य बाहरी संस्थानों के लिए यह शुल्क 35,000 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया है. मुख्यमंत्री ने न केवल ठहरने की व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए, बल्कि दरों को भी यथोचित निर्धारित करने की बात कही. इससे यह सुनिश्चित होगा कि आमजन को किफायती दरों पर सुविधा उपलब्ध हो सके.

मुख्यमंत्री के इस फैसले से आमजन को मिलेगी राहतमुख्यमंत्री धामी का यह कदम जनता की समस्याओं को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाले नागरिकों, विशेष रूप से छोटे व्यापारियों, विद्यार्थियों, और निजी काम के लिए आने वालों के लिए यह निर्णय राहत लेकर आया है. यह निर्णय न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि उत्तराखंड निवास को केवल विशिष्ट वर्ग के लिए आरक्षित रखने की धारणा को भी बदलेगा. साथ ही, यह राज्य के संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा.

नई दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखंड निवास को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह निर्णय राज्य की जनता को केंद्र में रखने की उनकी नीति को दर्शाता है. इस पहल से न केवल आम नागरिकों को लाभ मिलेगा, बल्कि सरकारी परिसंपत्तियों के लोकतांत्रिक उपयोग का एक उदाहरण भी स्थापित होगा. अब उत्तराखंड निवास आमजन और विशिष्ट वर्ग दोनों के लिए एक उपयोगी सुविधा बन सकेगा.

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